Edited By Vijay, Updated: 22 Aug, 2018 08:10 PM
बरसात के दिनों में स्क्रब टायफस सक्रिय हो गया है। अस्पताल में हर तीसरे दिन स्क्रब टायफस की चपेट में आने से कोई न कोई मरीज उपचार करवाने के लिए पहुंच रहा है। एक महीने का अगर आंकड़ा देखा जाए तो 24 मरीज स्क्रब टायफस की चपेट में आए हैं, जिन्होंने अपना...
शिमला: बरसात के दिनों में स्क्रब टायफस सक्रिय हो गया है। अस्पताल में हर तीसरे दिन स्क्रब टायफस की चपेट में आने से कोई न कोई मरीज उपचार करवाने के लिए पहुंच रहा है। एक महीने का अगर आंकड़ा देखा जाए तो 24 मरीज स्क्रब टायफस की चपेट में आए हैं, जिन्होंने अपना उपचार प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आई.जी.एम.सी. में करवाया है। ये मरीज शिमला ही नहीं, बल्कि अन्य जिलों से भी आए हैं। स्क्रब टायफस के मरीज पहुंचने से आई.जी.एम.सी. प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। प्रशासन ने मरीजों के लिए आईसोलेशन वार्ड तैयार किया है।
सितम्बर और अक्तूबर में बढ़ेंगे स्क्रब टायफस के मामले
स्क्रब टायफस के मामलों में अब आगामी दिनों में बढ़ौतरी होगी क्योंकि सितम्बर और अक्तूबर में स्क्रब टायफस के अधिक मामले सामने आते हैं, ऐसे में प्रशासन ने भी मरीजों के उपचार के लिए कमर कस ली है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि स्क्रब टायफस को लेकर स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है लेकिन महज नजर रखने से इस बीमारी पर काबू पाना मुश्किल है। विभागाधिकारियों का कहना है कि मॉनीटरिंग की जा रही है और रोजाना रिपोर्ट निदेशालय और सचिवालय भेजी जाती है।
बरसात के दिनों में झाड़ियों के बीच न जाएं लोग
आई.जी.एम.सी. के एम.एस. डा. जनक राज ने बताया कि स्क्रब टायफस के मरीजों के लिए आईसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। जो मरीज स्क्रब टायफस के आई.जी.एम.सी. आते हैं, उन्हें आईसोलेशन वार्ड में रखा जाता है। लोगों को ध्यान रखना होगा कि वे बरसात के दिनों में झाड़ियों के बीच न जाएं। अगर किसी में स्क्रब के कोई लक्षण दिखते हैं तो वे समय से अस्पताल आएं।