Edited By prashant sharma, Updated: 28 Nov, 2020 03:41 PM
कोविड-19 के चलते सरकार द्वारा रविवार को तमाम बाजारों को बंद रखने का फैसला लिया है। सरकार का यह फैसला कहीं ना कहीं प्रदेश के प्रसिद्ध शक्तिपीठों के मुख्य बाजारों को भी प्रभावित कर रहा है।
ऊना (अमित शर्मा) : कोविड-19 के चलते सरकार द्वारा रविवार को तमाम बाजारों को बंद रखने का फैसला लिया है। सरकार का यह फैसला कहीं ना कहीं प्रदेश के प्रसिद्ध शक्तिपीठों के मुख्य बाजारों को भी प्रभावित कर रहा है। हालांकि संडे के दिन सरकार ने सभी शक्तिपीठों को खुला रखने के आदेश जारी किए हैं। रविवार को इन बाजारों के बंद रहने पर भी यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। वही शक्तिपीठ चिंतपूर्णी के कारोबारियों ने सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है। उनका कहना है कि कम से कम शक्तिपीठों के तमाम बाजारों पर दोबारा सोच विचार करके रविवार को भी इन बाजारों को खुला रखने की छूट प्रदान की जानी चाहिए।
प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 के चलते रविवार के दिन तमाम बाजारों को बंद रखने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके साथ ही प्रदेश की शक्तिपीठों के बाजार भी इसी श्रेणी में शामिल कर हैरानी भरा फैसला लिया गया है। ऐसा इसलिए कि रविवार के दिन सभी शक्तिपीठों को खुला रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। रविवार को चिंतपूर्णी मंदिर को खुला रखने और बाजार को बंद रखने के सरकार के फैसले से स्थानीय दुकानदार हैरान है। दुकानदारों की माने तो क्या चिंतपुर्णी बाजार को बंद रखने से क्या कोरोना बीमारी रुक जाएगी। जबकि रविवार को मंदिर के कपाट खुले रहेंगे।
आज कल तो वैसे ही काम कम है और रविवार को ही सबसे ज्यादा भीड़ दस से बारह हजार की संख्या में श्रद्धालुओं की मां के दरबार में होती है और पूरे हफ्ते में रविवार का ही दिन दुकानदारों के लिए थोड़ा बहुत कमाने का होता हैं। लेकिन सरकार के इस फरमान से ऐसा लग रहा हर की सरकार मंदिरों के जरिए अपना तो खजाना भर रही है। लेकिन दुकानदारों की रोजी रोटी का ख्याल नहीं कर रही है। दुकानदारों का कहना था कि अगर कोरोना बीमारी से बचाव के लिए सरकार को बाजारों को बंद रखने के आदेश दे रही है तो सरकार को रविवार को मंदिर के कपाट भी बंद रखने चाहिए। बदायूं के बंद रहने से मां चिंतपूर्णी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को कई सारी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।