Edited By Ekta, Updated: 06 Aug, 2019 02:35 PM
हिमाचल में एक तरफ तेज बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं, वहीं दूसरी ओर स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर उफनती खड्ड को पार कर स्कूल जाने के लिए मजबूर हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं बिलासपुर जिला से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित घरांण पंचायत के इन...
बिलासपुर (मुकेश): हिमाचल में एक तरफ तेज बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं, वहीं दूसरी ओर स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर उफनती खड्ड को पार कर स्कूल जाने के लिए मजबूर हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं बिलासपुर जिला से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित घरांण पंचायत के इन गांवों की। जहां बरसात के दिनों में छोटे-छोटे बच्चे जान हथेली पर रखकर उफनती खड्ड को पार करके स्कूल जा रहे हैं। इतना ही नहीं अभिभावक बच्चों को उठाकर खड्ड पार कराते हैं। यह दृश्य हिमाचल के जिला बिलासपुर के भारतीय सेना के जवान राकेश कुमार जो ग्लेशियर की चपेट में शहीद हो गए थे उनके गांव के हैं।
यहां आजादी के 70 वर्ष पूर्ण होने के बावजूद इस पंचायत के कई गांव सड़क से महरूम हैं। आज तक इस खंड के ऊपर पुल का निर्माण नहीं हो पाया। हालांकि सड़क का कार्य शुरू हुआ था लेकिन कार्य पूर्ण नहीं हो पाया। इन गांव घुमारपुर, खमेड़ा, बागडू आदि में सड़क सुविधा नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि सरयाली खड्ड पर पुल के निर्माण के प्रति वह कई बार संबंधित विभाग व जिलाधीश कार्यालय के चक्कर लगा चुके हैं। मगर उनके प्रार्थना पत्रों को आगामी कार्यवाही के लिए प्रेरित किया जाता है, लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं हो पाता है। उन्हें अब मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से उम्मीद है कि वह शीघ्र ही उनकी मांग को पूर्ण करेंगे।