Edited By Vijay, Updated: 14 Jun, 2019 11:30 PM
250 करोड़ रुपए से अधिक के कथित छात्रवृत्ति घोटाले में सी.बी.आई. अपनी छानबीन का दायरा बढ़ाएगी। इसके तहत वर्ष 2013 से पहले जारी हुई स्कॉलरशिप का भी जांच टीम रिकॉर्ड खंगालेगी।
शिमला: 250 करोड़ रुपए से अधिक के कथित छात्रवृत्ति घोटाले में सी.बी.आई. अपनी छानबीन का दायरा बढ़ाएगी। इसके तहत वर्ष 2013 से पहले जारी हुई स्कॉलरशिप का भी जांच टीम रिकॉर्ड खंगालेगी। ऐसे में जल्द ही शिक्षा विभाग के साथ जांच दायरे में आए कुछ संस्थानों से एक बार फिर रिकॉर्ड कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। राज्य सरकार को लंबे समय से स्कॉलरशिप आबंटन में अनियमितताएं बरतने जाने की शिकायतें मिलती रही हैं।
शिकायतों के आधार पर शिक्षा विभाग ने जो छानबीन की थी, उसमें वर्ष 2013 से लेकर 2017 तक की आबंटित छात्रवृत्ति का ही रिकार्ड खंगाला गया था। इस दौरान जो अनियमितताएं पाई गईं, उनके आधार पर ही सी.बी.आई. ने भी मामला दर्ज किया था, ऐसे में अब केंद्रीय जांच ब्यूरो वर्ष 2013 से लेकर 2017 का रिकार्ड खंगालने के बाद इससे पहले का रिकॉर्ड भी खंगालने की तैयारियों में है। आशंका जताई जा रही है कि स्कॉलरशिप आबंटन में अनियमितताओं का खेल लंबे समय से चला हुआ है। ऐसे में जांच का दायरा बढ़ना तय है।
इसके तहत खंगाला जाएगा कि कितनी राशि इससे पहले शिक्षा विभाग ने जारी की और किन-किन संस्थानों को इसका आबंटन किया गया है। छानबीन के तहत केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय से भी रिकॉर्ड लिया जा सकता है। वर्तमान में 22 निजी शिक्षण संस्थान सी.बी.आई. के जांच दायरे में हैं। संबंधित सभी संस्थानों से रिकॉर्ड भी कब्जे में लिया जा चुका है। इसके साथ ही जांच में यदि तथ्य पाए जाते हैं तो आने वाले समय में अन्य संस्थान भी छानबीन के दायरे में आ सकते हैं। सूचना के अनुसार जिन संस्थानों से रिकॉर्ड लिया गया है, उनके माध्यम से करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति आबंटित की गई है।