छात्रवृत्ति घोटाला : संस्थानों के आसपास ही खुलवा लिए विद्यार्थियों के बैंक खाते

Edited By Vijay, Updated: 24 May, 2019 10:46 PM

scholarship scam

सी.बी.आई. जांच में छात्रवृत्ति घोटाले की परतें खुलने लगी हैं। सामने आया है कि कुछ छात्रवृत्तियां तो बिना मोबाइल नंबर और आधार नंबर के ही बांट दी गईं। इतना ही नहीं, कुछ निजी संस्थानों ने विद्यार्थियों के बैंक खाते संस्थान के आसपास ही खुलवा लिए।

शिमला: सी.बी.आई. जांच में छात्रवृत्ति घोटाले की परतें खुलने लगी हैं। सामने आया है कि कुछ छात्रवृत्तियां तो बिना मोबाइल नंबर और आधार नंबर के ही बांट दी गईं। इतना ही नहीं, कुछ निजी संस्थानों ने विद्यार्थियों के बैंक खाते संस्थान के आसपास ही खुलवा लिए। इसमें कुछ खाते चंडीगढ़ और हरियाणा के बैंक में हैं जोकि संदेह के दायरे में हैं। इसके साथ ही सामने आया है कि जिन छात्रों ने निजी शिक्षण संस्थानों को छोड़कर दूसरे संस्थानों में एडमिशन ली, उनके दस्तावेजों के आधार पर ही पुराने संस्थानों को छात्रवृत्ति की राशि बांट दी गई। इस पर न तो कोई चैक रखा गया और न ही कोई पड़ताल की गई।

एक ही मोबाइल नंबर को एक से अधिक बार किया प्रयोग

सूचना के अनुसार वर्ष 2014-15 में प्री मैट्रिक में 4,97,09,350 रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की गई, जिसमें 2,095 आवेदनों में एक ही मोबाइल नंबर को एक से अधिक बार प्रयोग किया गया जबकि 500 आवेदनों में आधार संख्या तक अंकित नहीं की गई। इसी तरह 16 से ज्यादा आवेदनों में एक ही बैंक खाते को एक से अधिक बार प्रयोग किया गया। 72,63,06,542 रुपए की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति 2014-15 में जारी की गई। इसमें 5,917 आवेदनों में एक से अधिक बार एक ही मोबाइल नंबर का प्रयोग किया गया जबकि 1,164 आवेदनों में आधार संख्या भी अंकित नहीं की गई।

96 से ज्यादा आवेदनों में एक ही बैंक खाते का प्रयोग

इसी तरह 96 से ज्यादा आवेदनों में एक ही बैंक खाते को एक से अधिक बार प्रयोग किया गया। वर्ष 2015-16 में प्री मैट्रिक में 1,60,43,000 रुपए की छात्रवृत्ति दी गई। इसमें भी 1,064 आवेदनों में एक ही मोबाइल नंबर प्रयोग किया गया जबकि 167 आवेदनों में आधार नंबर भी अंकित नहीं किए गए और 16 से ज्यादा आवेदनों में एक ही बैंक खाते का प्रयोग किया गया। इसी तरह पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में 71,2,54,40,038 रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। इसके तहत 3,171 आवेदनों में एक ही मोबाइल नंबर का प्रयोग किया गया। 624 आवेदनों में आधार नंबर भी अंकित नहीं किए गए। इसी तरह 17 से ज्यादा आवेदनों पर छात्रवृत्ति देने के लिए एक ही बैंक खाते का प्रयोग किया गया।

296 आवेदनों में एक ही मोबाइल नंबर

वर्ष 2016-17 में प्री मैट्रिक में 6,00,18,750 रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। इस वर्ष 296 आवेदनों में एक ही मोबाइल नंबर दिया गया। इसी तरह पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में 59,58,17,594 रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। इसके लिए भी 2,727 आवेदनों में एक ही मोबाइल नंबर बार-बार इस्तेमाल हुआ।

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