विजीलैंस जांच में निकला 83 लाख रुपए का घपला, सोलन थाना में मामला दर्ज

Edited By Vijay, Updated: 21 Sep, 2019 11:07 PM

scam of rs 83 lakh in vigilance investigation case registered

विजीलैंस ने उपनिदेशक पशुपालन कार्यालय सोलन में करीब 83 लाख रुपए के घपले में मामला दर्ज कर लिया है। विजीलैंस थाना सोलन में यह मामला दर्ज हुआ है। इससे आरोपित कर्मचारी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। विजीलैंस की जांच में यह घपला 83 लाख रुपए का निकला...

सोलन: विजीलैंस ने उपनिदेशक पशुपालन कार्यालय सोलन में करीब 83 लाख रुपए के घपले में मामला दर्ज कर लिया है। विजीलैंस थाना सोलन में यह मामला दर्ज हुआ है। इससे आरोपित कर्मचारी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। विजीलैंस की जांच में यह घपला 83 लाख रुपए का निकला है। पशुपालन विभाग की प्रारंभिक जांच में यह घपला 69 लाख रुपए का था। इस मामले में अभी तक विभाग ने आरोपी कर्मचारी को निलंबित कर उसे डिमोट भी कर दिया है जबकि तीन अधिकारी इस मामले में निलंबित हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि इन अधिकारियों के खिलाफ भी आयुक्त विभागीय जांच चली हुई है।

वर्ष 2016 से जनवरी, 2018 के बीच का है मामला

विभाग में बड़े पैमाने पर हुई वित्तीय अनियमितता का यह मामला वर्ष 2016 से जनवरी 2018 के बीच का है। मामला उजागर होने के बाद आरोपी कर्मचारी ने करीब 58 लाख रुपए की राशि भी जमा कर दी थी जबकि 15 लाख रुपए की रिकवरी होनी बाकी है। इससे स्पष्ट था कि मामले में कुछ गड़बड़ जरूर है। विभाग ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट पिछले वर्ष सरकार को भेज दी थी। यही नहीं विभाग ने मामले का खुलासा होते ही इसकी जांच के लिए सहायक वित्त नियंत्रक की अगुवाई में एक जांच कमेटी का गठन किया था जिसकी रिपोर्ट के आधार पर ही आरोपी कर्मचारी को निलंबित किया गया था।

3 बड़े अधिकारियों को चार्जशीट कर किया गया था निलंबित

पंजाब केसरी समाचार पत्र ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद 3 बड़े अधिकारियों को चार्जशीट कर निलंबित किया गया था। यही नहीं इनके अलावा एक सेवानिवृत्त अधिकारी को भी चार्जशीट किया गया था। यह सभी अधिकारी उस समय (घोटाले के वक्त) सोलन में उपनिदेशक, सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत थे।

ऐसे दिया वित्तीय गड़बड़ी को अंजाम

सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं हुई थीं। एक योजना का पैसा दूसरी तथा दूसरी का तीसरी, इस प्रकार से वित्तीय गड़बड़ी को अंजाम दिया गया और सरकारी खजाने को करीब 83 लाख रुपए की चपत लग गई। कई योजनाओं में किसानों का शेयर भी विभाग के खाते में जमा नहीं हुआ। पशुपालन विभाग ने पहले सदर थाना सोलन में शिकायत की थी लेकिन यह घोटाला 10 लाख रुपए से अधिक होने पर यह मामला विजीलैंस को ट्रांसफर हो गया था। विजीलैंस की जांच में यह घोटाला 83 लाख रुपए का निकला है।

इन योजनाओं में हुईं अनियमितताएं

1. गर्भित पशु आहार योजना।
2. बैकयार्ड पोल्ट्री योजना।
3. राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत 40 वितरण योजना।
4. 5000 ब्रायलर चूजा योजना (60:40)।
5. बीपीएल बकरी पालन योजना (60:40)।
6. 60 प्रतिशत अनुदान पर मेंढ़ा वितरण योजना।
7. उत्तम पशु पुरस्कार योजना।

क्या बोले विजीलैंस के एडीजीपी

विजीलैंस एवं एंटी करप्शन विभाग शिमला के एडीजीपी अनुराग गर्ग ने बताया कि उपनिदेशक पशुपालन कार्यालय सोलन में करीब 83 लाख रुपए के घपले में मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले में 58 लाख रुपए जमा कर दिए हैं जबकि 25 लाख रुपए की वसूली नहीं हुई है।

 

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