मंडी की इस पंचायत में लाखों का घोटाला! वित्त आयोग की धनराशि हड़पने का आरोप(Video)

Edited By Ekta, Updated: 11 Oct, 2018 04:11 PM

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के सुंदरनगर की दुर्गम पंचायत पौड़ा कोठी में 27 लाख 90 हजार रुपए के घोटाले का मामला सामने आया है। यह आरोप पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों व पूर्व विधायक एव सीपीएस रहे सोहन लाल ठाकुर ने लगाया है। भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर जो...

सुंदरनगर (नितेश सैनी): हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के सुंदरनगर की दुर्गम पंचायत पौड़ा कोठी में 27 लाख 90 हजार रुपए के घोटाले का मामला सामने आया है। यह आरोप पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों व पूर्व विधायक एव सीपीएस रहे सोहन लाल ठाकुर ने लगाया है। भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर जो सरकार प्रदेश व केंद्र में सत्ता में आई है अब उसी सरकार के कार्यकाल में आए दिन भ्रष्टाचार के नए मामले उजागर हो रहे हैं। यह जानकारी देते हुए पूर्व मुख्य संसदीय सचिव एवं पूर्व विधायक सोहनलाल ठाकुर ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत के बावजूद भी कोई कार्रवाई न होने के चलते ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह सभी सरकार के संरक्षण में ही हो रहा है। 
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14वें वित्त आयोग के तहत मंजूर धनराशि को लेकर अनेक अनियमितताएं आई सामने
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दुर्गम पंचायत पौड़ा कोठी में 14वें वित्त आयोग के तहत मंजूर धनराशि को लेकर अनेक अनियमितताएं सामने आई है। जिनके आधार पर पंचायत में करीब 27.90 लाख रुपए के घोटाले की बू आ रही है। इसके अंतर्गत विभिन्न विकास कार्यों को लेकर मस्टरोल तो पास कर दिए गए हैं लेकिन धरातल पर कोई काम ही नहीं हुआ है। यही नहीं इन कार्यों को लेकर अदायगी तक कागजों में दर्शा दी गई है। उन्होंने बताया कि इस संबध में मई 2018 में स्थानीय लोगों द्वारा उपायुक्त के पास शिकायत भी की गई थी। लेकिन कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। इसके उपरांत स्थानीय जनप्रतिनिधि के समक्ष भी ग्रामीणों ने इस मुद्दे को उठाया लेकिन वहां पर भी इसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। जबकि जिन लोगों पर आरोप है उनका स्वागत हार पहनाकर पार्टी में किया जा रहा है। बार बार शिकायतें करने के बावजूद मामले में कोई कार्रवाई न होने के चलते प्रतीत हो रहा है कि राजनैतिक संरक्षण के चलते भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। 

विभिन्न कार्यों को लेकर जो बिल पंचायत रिकॉर्ड में दर्शाए गए हैं, उनमें न तो कहीं कोई डेट दर्शाई गई और न ही बिल पर जीएसटी नंबर अंकित है। इसके अलावा किस चीज की अदायगी की गई है। इसका भी बिलों में कोई उल्लेख नहीं किया गया है। इस अवसर पर पंचायत के पूर्व प्रधान सीताराम, पूर्व प्रधान रूमा देवी, पूर्व उपप्रधान हरसिंह, समाजसेवी जगदीश कुमार, पवन कुमार तथा खूबराम सहित अनेक ग्रामीण भी मौजूद रहे। समाजसेवी जगदीश कुमार ने बताया कि यह सारी सूचनाएं उन्होंने आईटीआई के माध्यम से जुटाई है। लेकिन सारी सूचनाएं भी उन्हें सही तरीके से प्रधान नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि इस संबध में उन्होंने अपील भी दायर की गई है। सूचनाओं को छिपाने के पीछे भी मन्शा ठीक नहीं लग रही है। जगदीश कुमार ने स्व'छ भारत मिशन के तहत पंचायत को मिली 25 लाख रुपए की राशि को लेकर भी अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं।

शिकायत के बावजूद भी नहीं हुई कार्रवाई 
उन्होंने बताया कि इसको लेकर 15 लाख रुपए सामग्री तथा दस लाख रुपए लेबर के लिए खर्च किए जाने थे। पंचायत की ओर से 15 लाख रुपए की राशि निकाल ली गई लेकिन सामग्री नहीं आई। यदि आई है तो पंचायत बताए कि इसका स्टोर कहां पर स्थित है तथा 15 लाख की राशि से क्या सामग्री खरीदी गई है। पूर्व मुख्य संसदीय सचिव सोहन लाल ठाकुर तथा पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग उठाते हुए कहा कि यदि कार्रवाई नहीं की जाती तो इस मामले में पुलिस से शिकायत कर कोर्ट जाएंगे। शिकायतकर्ता जगदीश ने कहा की पंचायत में करीब 27 लाख 90 हजार का बड़ा घोटाला हुआ। जिस की जानकारी मेने आरटीआई में माध्यम से जुटाई है। उन्होंने कहा की नकली बिल छाप कर घोटाला किया गया है जिसके माध्यम से बिल जारी हुआ के पास कोई भी मशीन या जेसीबी नहीं है। 

हम इतना नहीं जानते की बिल कैसे पास हुए लेकिन बिल और फार्म पर कोई भी रेट और बजन नहीं है और न ही बिल पर कोई जीएसटी या TIN नंबर नहीं है। उन्होंने कहा की हमारा आरोप है कि 14वें वित आयोग का जब पंचायत में पैसा आया लेकिन काम कोई नहीं हुआ लाखों रुपए का घोटाला किया गया। उन्होंने कहा की डीसी मंडी को 29 मई को पंचायत में हुए घोटाले की शिकायत की और जब उसकी जांच हुई तो उस में लीपापोथी की गई. उन्होंने कहा की हम ने करीब एक महीना पहले डीसी मंडी को आरटीआई के सभी दस्तावेज सौंपे और उन्हें ब्लॉक में भेंजा गया, लेकिन अभी तक ब्लॉक अधिकारी ने उस पर कोई भी कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा की जिन लोगों ने पंचायत में भ्रष्टाचार किया वो सभी लोग भाजपा में शामिल हो गए हैं और अब वह उनको बचाने की कोशिश कर रही है।

क्या कहते हैं अधिकारी
विकास खंड अधिकारी सुंदरनगर मोहन शर्मा ने कहा कि मामला गंभीर है। कई लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं, इस संबंध में पहले चरण की जांच की गई है और आगामी कार्रवाई की जा रही है। 
 


 

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