हिमाचल में 4,200 करोड़ के सेब उद्योग पर स्कैब नामक फफूंद का हमला

Edited By Vijay, Updated: 22 Jun, 2019 09:22 PM

scab fungus attack on apple industry

हिमाचल के कुछेक क्षेत्रों में सेब के बगीचों में स्कैब नामक फफूंद ने हमला बोल दिया है। बागवानों को इससे नुक्सान होने की चिंता सताने लगी है। सेब के दानों व पत्तों पर स्कैब का हमला देखा जा सकता है। आनन-फानन में बागवानी विभाग ने भी अपने अधिकारियों को...

शिमला: हिमाचल के कुछेक क्षेत्रों में सेब के बगीचों में स्कैब नामक फफूंद ने हमला बोल दिया है। बागवानों को इससे नुक्सान होने की चिंता सताने लगी है। सेब के दानों व पत्तों पर स्कैब का हमला देखा जा सकता है। आनन-फानन में बागवानी विभाग ने भी अपने अधिकारियों को फील्ड में जाकर बगीचों का निरीक्षण करने तथाबागवानों को फफूंदनाशक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं ताकि इस खतरनाक बीमारी को फैलने से रोका जा सके। बागवानी निदेशक ने सभी जिला के उप निदेशकों को स्वयं स्कैब की मॉनीटरिंग करने को कहा है।

1982 में स्कैब बीमारी से सेब के बगीचों को हुआ था भारी नुक्सान

बागवान इसे खतरे की घंटी मान रहे हैं क्योंकि वर्ष 1982 में जब स्कैब बीमारी आई थी तो उस दौरान सेब के बगीचों को भारी नुक्सान हुआ था। हालांकि उस दौरान बागवानी विशेषज्ञ और बागवानों के प्रयासों से इस बीमारी पर नियंत्रण पा लिया गया था लेकिन यह बीमारी पूरी तरह समाप्त नहीं हो सकी। बीते कुछ सालों में भी स्कैब का सेब के बगीचों पर हमला देखा गया लेकिन इस साल ज्यादा क्षेत्रों में स्कैब का प्रकोप देखा जा रहा है। खासकर अधिक ऊंचे व नमी वाले इलाकों में इसका कम असर देखा जाता था।

ऊंचाई वाले इलाकों में स्कैब के लक्षण ज्यादा

कोटखाई के देवरीघाट, छुंजर, खड़ापत्थर, स्नाभा, रोहडू व चौपाल के कई ऊंचाई वाले इलाकों में स्कैब के लक्षण ज्यादा देखे जा रहे हैं। इस पर समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया तो 4,200 करोड़ के सेब उद्योग को भारी नुक्सान झेलना पड़ेगा। बागवानी विभाग ने स्पे्र शैड्यूल के मुताबिक बागवानों से फफूंदनाशकों का छिड़काव करने की सलाह दी है। विभाग ने बागवानों को बगीचों में लोर को साफ रखने तथा गिरी हुई पत्तियों को हटाने को कहा है।

क्या बोले फल एवं सब्जी उत्पादक संघ के प्रदेशाध्यक्ष

फल एवं सब्जी उत्पादक संघ के प्रदेशाध्यक्ष हरीश चौहान ने बताया कि स्कैब बीमारी के कारण सेब के दानों व पत्तों में धब्बे जैसे नजर आ रहे हैं। बागवानों को इससे नुक्सान हो रहा है। आने वाले दिनों में इससे सेब उत्पादन पर भी असर पड़ेगा। उन्होंने बागवानों से नियमित तौर पर बगीचों की मॉनीटरिंग करने का सुझाव दिया है और स्कैब के लक्षण दिखने की सूरत में बागवानी विभाग को सूचित करने और विशेषज्ञों की राय के बाद फफूंदनाशकों का छिड़काव करने को कहा है।

अधिकारियों को फील्ड में जाकर जांच के दिए निर्देश : धीमान

बागवानी निदेशक डॉ. एम.एल. धीमान ने बताया कि कुछेक क्षेत्रों से स्कैब नामक फफूंद की शिकायतें आ रही हैं। बागवानी विभाग ने अधिकारियों को फील्ड में जाकर इसकी जांच के निर्देश दिए हैं। डिप्टी डायरैक्टर को स्वयं स्कैब की निगरानी करने को कहा गया है।

 

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