SCA चुनाव बहाली: सरकार पर दबाव बनाएंगे छात्र संगठन

Edited By Ekta, Updated: 17 Aug, 2018 05:26 PM

sca election reinstatement

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित कालेजों में केंद्रीय छात्र संघ (एस.सी.ए.) चुनाव प्रत्यक्ष रूप से करवाने के लिए छात्र संगठनों ने प्रदेश सरकार पर दबाव बनाने के लिए आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है। अभी तक प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय की ओर से...

शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित कालेजों में केंद्रीय छात्र संघ (एस.सी.ए.) चुनाव प्रत्यक्ष रूप से करवाने के लिए छात्र संगठनों ने प्रदेश सरकार पर दबाव बनाने के लिए आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है। अभी तक प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय की ओर से एस.सी.ए. चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होंगे या नहीं, इसको लेकर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन पर एस.सी.ए. चुनाव बहाल करवाने के लिए छात्र संगठनों ने प्रदेशव्यापी आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है। एस.एफ.आई. पहले ही प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू कर चुकी है और अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी शुक्रवार से आंदोलन का आगाज करेगी। 

विभिन्न छात्र संगठन मनोनयन आधार पर एस.सी.ए. के गठन के पक्ष में नहीं है। एन.एस.यू.आई. भी प्रत्यक्ष रूप से एस.सी.ए. चुनाव करवाने के पक्ष में है, बशर्ते परिसर में माहौल शांतिपूर्ण रहे। बताते हैं कि वर्ष 2014 से अब तक मनोनयन आधार पर ही एस.सी.ए. का गठन किया जा रहा है, लेकिन छात्र संगठन विशेषकर एस.एफ.आई. और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विरोध कर रहे हैं। अब अगस्त माह भी आधा बीत चुका है, लेकिन अभी तक यह घोषणा नहीं हुई है कि एस.सी.ए. का गठन किस प्रणाली के तहत होंगे, ऐसे में छात्र संगठनों द्वारा विशेषकर एस.एफ.आई. और विद्यार्थी परिषद आवाज बुलंद कर रहे हैं।

शिक्षण संस्थानों में आई हिंसक गतिविधियों में कमी 
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय व कालेजों में एस.सी.ए. का गठन मनोनयन आधार पर होने के बाद से शिक्षण संस्थानों में हिंसक गतिविधियों में कमी आई है। पहले जब एस.सी.ए. चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होते थे, तब एस.सी.ए. चुनावों से पूर्व अक्सर हिंसक घटनाएं होती थीं और छात्र संगठनों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ जाते थे।

24 अगस्त, 2014 को हुई हिंसा के बाद लगी थी रोक
24 अगस्त, 2014 को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और एस.एफ.आई. कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी, जिसमें कई छात्र घायल हुए थे। इसके बाद ई.सी. ने एस.सी.ए. के प्रत्यक्ष चुनाव पर रोक लगा दी थी। इससे पूर्व वर्ष 1996 में एस.सी.ए. चुनाव पर रोक लगा दी गई थी और उस समय भी हिंसा ही चुनावों पर रोक का कारण रही थी। वर्ष 2000 में छात्र संघ चुनाव बहाल करवा दिए थे। विभिन्न छात्र संगठन लगातार एस.सी.ए. चुनाव प्रत्यक्ष रूप से करवाने की मांग कर रहे हैं। 

अब तक 4 बार मनोनयन आधार पर गठित हो चुकी एस.सी.ए.
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित कालेजों में वर्ष 2014 से अब तक छात्र राजनीति का स्वरूप बदल गया है। अब तक 4 बार मनोनयन आधार पर विश्वविद्यालय व कालेजों में एस.सी.ए. गठित हो चुकी है। हिमाचल प्रदेश की छात्र राजनीति में प्रत्यक्ष रूप से चुनाव न होने से इसका स्वरूप बदलने लगा है। मेधावी छात्रों को मनोनयन से एस.सी.ए. में शामिल कर उन्हें छात्रों का नेतृत्व सौंपा जा रहा है। भले ही विभिन्न छात्र संगठन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और कालेजों में एस.सी.ए. का गठन मनोनयन से करने का विरोध कर रहे हैं और प्रत्यक्ष रूप से चुनाव करवाने की मांग बीते 4 वर्ष से उठा रहे छात्र संगठनों के कार्यकत्र्ताओं की मांग अब तक पूरी नहीं हुई है।

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!