Edited By prashant sharma, Updated: 16 Feb, 2021 06:34 PM
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रदेश के 685.58 हेक्टेयर क्षेत्र में 605 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने के निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त की है। एफसीए और एफआरए प्राप्त नहीं होने के कारण विभिन्न विकासात्मक परियोजनाएं कई वर्षों...
शिमला : मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रदेश के 685.58 हेक्टेयर क्षेत्र में 605 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने के निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त की है। एफसीए और एफआरए प्राप्त नहीं होने के कारण विभिन्न विकासात्मक परियोजनाएं कई वर्षों से समय पर कार्यान्वित नहीं की जा सकी। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उदारता और राज्य सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष मामले को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करने के कारण संभव हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन 605 परियोजनाओं में से माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 138 परियोजनाओं को एफसीए स्वीकृति प्रदान की है, इनमें से 20 विद्युत परियोजनाएं, 88 सड़क परियोजनाएं, पांच पेयजल और अन्य परियोजनाएं, तीन बस अड्डा परियोजनाएं, दो राजकीय महाविद्यालय, कोषागार कार्यालय भवन और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और एक-एक आईआईटी कमांद, स्कूल, कार पार्किंग, सब मार्केट यार्ड, पुलिस पोस्ट, गौ सदन, रोपवे मनाली, हैलीपेड, शिवधाम मंडी और पुल शामिल हैं।
सीएम ने कहा कि इसके अलावा माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने एफआरए के तहत 465 परियोजनाओं को अनुमति प्रदान की हैं, जिनमें 334 सड़क परियोजनाएं, 53 स्कूल, 20 सामुदायिक केंद्र, 18 पेयजल आपूर्ति और पानी की पाइप लाइन, 13 टैंक और अन्य लघु जल स्त्रोत, 10 औषधालय या अस्पताल, सात आंगनवाड़ी छह कौशल उन्नयन या व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र और एक-एक उचित मूल्य की दुकान, विद्युत व टेलीध्लाइन, लघु सिंचाई चैनल और जल या वर्षा संग्रहण संरचना शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार का राज्य के लोगों की विकासात्मक आकांक्षाओं के प्रति विचारशील होने और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष मामले को प्रभावी तरीके से रखने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भी न्यायालय के सामने मामले को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया ताकि राज्य के विकास में विभिन्न बाधाओं को हटाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी परियोजनाओं का कार्य लंबे समय तक रूका रहा और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 11 मार्च, 2019 के आदेश में जारी निर्देशों के कारण यह आगे नहीं बढ़ पाईं। उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 15 फरवरी, 2021 को जारी आदेशों के अनुसार 138 परियोजनाओं को कार्यान्वित करने की अनुमति प्रदान की है जिसके लिए केंद्र सरकार ने एफसीए के तहत स्वीकृति प्रदान की है और एफआरए के तहत 465 परियोजनाओं को कार्यान्वित करने की अनुमति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि 1337 करोड़ रुपये के ग्रीन कोरिडोर नेशनल हाइवे सिरमौर और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा स्वीकृत 61.48 करोड़ रुपये लागत के टू लेन नेशनल हाइवे 20 (नया एनएच 503) धर्मशाला प्रमुख परियोजनाएं हैं।