Edited By Simpy Khanna, Updated: 09 Nov, 2019 04:50 PM
एसबीआई कॉन्ट्रैक्ट एंड केजुअल कर्मचारी संघ ने सीटू का दामन छोड़ कर अब भारतीय मजदूर संघ का हाथ थाम लिया है। भारतीय मजदूर संघ में विलय के बाद आज एसबीआई कॉन्ट्रैक्ट एंड केजुअल कर्मचारी संघ द्वारा पहले सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में ठेका प्रथा के...
शिमला (तिलक) : एसबीआई कॉन्ट्रैक्ट एंड केजुअल कर्मचारी संघ ने सीटू का दामन छोड़ कर अब भारतीय मजदूर संघ का हाथ थाम लिया है। भारतीय मजदूर संघ में विलय के बाद आज एसबीआई कॉन्ट्रैक्ट एंड केजुअल कर्मचारी संघ द्वारा पहले सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में ठेका प्रथा के तहत कार्य कर रहे कर्मचारियों को पेश आ रही समस्याओं पर मंथन किया गया। भारतीय मजदूर संघ व कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों की अध्यक्षता में आयोजित उस सम्मेलन में कर्मचारियों ने कहा कि जो बैंक के साथ ठेकेदार जा करार हुआ है उसके तहत उन्हें वेतन नही दिया जा रहा, न ही उन्हें अवकाश की सुविधा है तथा अन्य सुविधाओं से भी वंचित रखा जा रहा है। कर्मचारियों ने सम्मेलन में आवाज़ उठाई की सरकार ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करे तथा कोई ठोस नीति बनाई जाए जिससे कर्मचारियों का शोषण न हो सके।
भारतीय मजदूर संघ के शिमला मण्डल अध्यक्ष
दिनेश शर्मा ने कहा कि आज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कॉन्ट्रैक्ट एंड केजुअल कर्मचारी संघ का भारतीय मजदूर संघ में विलय के बाद पहला सम्मेलन है,जहां कर्मचारियों ने अपनी समस्याएं उठाई है। उन्होंने कहा कि मजदूर संघ मांग करता है कि बैंक इन कर्मचारियों को किसी नीति जे तहत सीधे भर्ती करे जिससे यह शोषण से बच सके। बैंक इन कर्मचारियों को ठेके पर न भर्ती कर कॉन्ट्रैक्ट या अन्य आधार पर भर्ती करे,जिससे उन्हें मिलने वाले लाभ पूरी तरह से उन्हें मिल सके।उन्होंने कहा कि मजदूर संघ सरकार के समक्ष भी ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने का मुद्दा उठाएगा जिससे मजदूरों का शोषण न हो सके।