Satpal Satti की कांग्रेस नेताओं को चुनौती, कहा-CAA पर 10 पंक्तियां बोलकर दिखाएं

Edited By Vijay, Updated: 22 Dec, 2019 07:47 PM

satti challenge to congress leaders

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कांग्रेस पर तीखे प्रहार किए हैं। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश का नेतृत्व करने की चाह रखने वालों को सीएए के बारे में बुनियादी बातें तक पता नहीं हैं। उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को चुनौती...

शिमला (ब्यूरो): भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कांग्रेस पर तीखे प्रहार किए हैं। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश का नेतृत्व करने की चाह रखने वालों को सीएए के बारे में बुनियादी बातें तक पता नहीं हैं। उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को चुनौती देते हुए कहा कि वह इस कानून के प्रावधानों पर केवल 10 पंक्तियां बोलकर दिखाएं। इसके साथ ही कांग्रेस नेता महज 2 लाइनें उन प्रावधानों पर भी बोलकर दिखाएं, जिनसे तथाकथित तौर पर देश का नुक्सान हो रहा है।

सीएए पर गुमराह कर एक वर्ग विशेष के लोगों को उकसा रही कांग्रेस

उन्होंने कहा कि देश में पिछले एक हफ्ते के दौरान सीएए के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों में सार्वजनिक संपत्ति को काफी नुक्सान पहुंचा है। उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस नेता ने सरकारी संपत्ति को हुए नुक्सान की निंदा करते हुए कोई बयान दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा के बीच विचारधारा की लड़ाई हो सकती है लेकिन यह कहां तक उचित है कि हिंसा पर एक भी शब्द नहीं बोलें। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सीएए पर जनता को गुमराह करते हुए एक वर्ग विशेष के लोगों को उकसा रही है और वोट बैंक को देश से ऊपर रखकर हिंसा की आग पर राजनीति की रोटियां सेंक रही है।

मोदी सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति से साकार हुई सीएए की अवधारणा

उन्होंने सीएए की पैरवी करते हुए कहा कि केंद्र की मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति से नए नागरिकता कानून की अवधारणा साकार हो सकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह स्पष्ट शब्दों में कह चुके हैं कि मुस्लिम समुदाय के एक भी वैध नागरिक की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी।

क्या कांग्रेस ने भारत के विभाजन का इतिहास कभी पढ़ा है?

सत्ती ने कहा कि कांग्रेस इस सवाल का भी जवाब दे कि क्या उन्होंने वर्ष 1947 में हुए भारत के विभाजन का इतिहास कभी पढ़ा है? उन्होंने कहा कि कांगे्रस नेताओं के वक्तव्यों से तो कतई नहीं लगता कि उनके दिल में देश के उस बंटवारे का कोई दर्द है जब बर्बर नरसंहार के बीच लाखों लोगों को अपनी जान की सलामती और स्त्रियों को अपनी आबरू बचाने के लिए मातृभूमि को अचानक छोडऩा पड़ा था।

नेहरू-मनमोहन कर चुके हैं समर्थन

सत्ती ने दावा किया कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी इस विचार का सार्वजनिक तौर पर समर्थन किया था कि धार्मिक प्रताडऩा के कारण पाकिस्तान से भारत आए लोगों को भारतीय नागरिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपना वजूद खो चुकी है और पार्टी के नेता तथ्यहीन बयानबाजी कर सुर्खियों में रहने का प्रयास कर रहे हैं।

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