Edited By Vijay, Updated: 15 Dec, 2019 06:55 PM
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि संस्कृत को प्रदेश की दूसरी भाषा घोषित किया गया है और विशेष रूप से हम संस्कृत को बढ़ावा देना चाहते हैं। इसके तहत प्रदेश के स्कूलों में जल्द दूसरी कक्षा से संस्कृत की पढ़ाई प्रारंभ होगी, जिसका सिलेबस भी बन रहा है।
ज्वालामुखी (नितेश): शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि संस्कृत को प्रदेश की दूसरी भाषा घोषित किया गया है और विशेष रूप से हम संस्कृत को बढ़ावा देना चाहते हैं। इसके तहत प्रदेश के स्कूलों में जल्द दूसरी कक्षा से संस्कृत की पढ़ाई प्रारंभ होगी, जिसका सिलेबस भी बन रहा है। शिक्षा मंत्री रविवार को मां ज्वाला के दर्शन करने के उपरांत पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज नैतिक शिक्षा की ओर सांस्कृतिक संस्कारी शिक्षा की बहुत आवश्यकता है। इसके लिए आवश्यक है कि हम संस्कृत की पढ़ाई पर ज्यादा फोकस करें।
उन्होंने कहा कि हम प्रदेशभर में संस्कृत संभाषण जो बच्चे संस्कृत पढ़ते भी हैं और संस्कृत में बातचीत भी कर सकें उसके लिए स्कूलों में संस्कृत लैब की स्थापना कर रहे हैं, जहां पर संस्कृत बोलचाल भी सिखाई जाएगी। उन्होंने कहा कि बीते 2 वर्षों में शिक्षा की दृष्टिगत काफ ी काम किए गए हैं। सरकार प्रारंभिक और उच्च शिक्षा में और सिलेबस में भी कुछ परिवर्तन कर रहे हैं।
बता दें कि विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद शिमला लौटते समय शिक्षा मंत्री मां ज्वाला के चरणों मे शीश नवाने पहुंचे। मंदिर के पुजारी राहुल द्वारा उन्हें विधिवत पूजा-अर्चना कर मां के दर्शन करवाए गए। इस बीच प्रशासन की ओर से उन्हें मां की चुनरी और सिरोपा भेंट किया गया। पूजा-अर्चना करने के बाद मंत्री तकरीबन 1 घंटे तक मंदिर में रुके और उन्होंने मां के लंगर भवन का प्रशाद भी ग्रहण किया।
थाना प्रभारी मनोहर चौधरी सहित मां ज्वाला स्किल इंस्टीच्यूट के एमडी नवरत्न गुप्ता सहित कई अन्य लोग इस दौरान मौके पर मौजूद रहे। वहीं हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के समन्वयक नवीन शर्मा ने भी मां ज्वालाजी के दर्शन किए। पुजारी सौरव शर्मा व विकास शर्मा ने उन्हें दर्शन करवाए।