रेत माफिया के लिए ऊना बना सोने की खान, पर्यावरण के लिए गंभीर चुनौती

Edited By Ekta, Updated: 14 Jun, 2019 12:06 PM

sand mafia

निजी हितों की पूर्ति के लिए यदि खनन बदस्तूर इसी तरह जारी रहा तो आने वाले समय में इसके भयावह परिणाम भुगतने होंगे। जिला ऊना रेत माफिया के लिए सोने की खान बन चुका है। स्वां नदी के विस्तृत क्षेत्र पर न केवल हिमाचल बल्कि पड़ोसी राज्य पंजाब की भी खासी नजर...

ऊना (सुरेन्द्र): निजी हितों की पूर्ति के लिए यदि खनन बदस्तूर इसी तरह जारी रहा तो आने वाले समय में इसके भयावह परिणाम भुगतने होंगे। जिला ऊना रेत माफिया के लिए सोने की खान बन चुका है। स्वां नदी के विस्तृत क्षेत्र पर न केवल हिमाचल बल्कि पड़ोसी राज्य पंजाब की भी खासी नजर है। गगरेट से लेकर संतोषगढ़ में पंजाब बॉर्डर तक जिस तरीके से स्वां नदी के बीच अंधाधुंध खनन गतिविधियां जारी हैं वे पर्यावरण के लिए बेहद घातक सिद्ध होने वाली हैं। रात के अंधेरे से लेकर दिन के उजाले में भी दनादन जे.सी.बी. खनन गतिविधियों में लगी हुई हैं। न तो माइनिंग डिपार्टमैंट के सी.सी.टी.वी. कैमरा अंधाधुंध खनन को रोकने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं और न ही कोई और एजैंसी इस पर नजर रखे हुए है। फाइलों में सब कुछ ठीक है लेकिन धरातल की सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है। 
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रेत-बजरी के लगाए पहाड़नुमा डंप

स्वां नदी के बीच खनन का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके दोनों तटों पर रेत के बड़े-बड़े पहाड़नुमा डम्प बना दिए गए हैं। लीज नियम कहते हैं कि कोई भी लीज होल्डर रेत और बजरी के डम्प नहीं लगा सकता है। जे.सी.बी. के जरिए माइनिंग नहीं हो सकती है। मैकेनिकल माइनिंग हालांकि पूरी तरह से बैन है परंतु बावजूद इसके मशीनें लगातार दनदना रही हैं।

पुलों के नीचे हो रही माइनिंग

न तो स्वां नदी पर बने पुल सुरक्षित हैं और न ही नदी के दोनों तरफ के तटबांध सुरक्षित हैं। ग्राऊंड रिपोर्ट यह है कि मशीनों, ट्रैक्टरों व टिप्परों की लगातार दनदनाहट की वजह से तटबांध खतरे में हैं। लांचिंग एप्रैन गिरने की कगार पर है। हालत यह है कि रात के अंधेरे में पुलों के नीचे माइनिंग की जा रही है। नियमों के तहत किसी भी तटबांध के नजदीक, पुलों के आसपास और किसी भी प्रकार की सिंचाई एवं पेयजल योजना के नजदीक खनन नहीं हो सकता है। नियमों को दरकिनार कर जिला में रात के अंधेरे में रेत व बजरी को यहां से उठाया जा रहा है। 

स्वां का वाटर लेवल जा रहा नीचे

स्वां नदी का रेत भले ही कुछ लोगों के लिए सोने की खान हो लेकिन इसके गंभीर परिणाम आने वाले समय में भुगतने पड़ेंगे। स्वां नदी का वाटर लेवल खनन की वजह से लगातार नीचे जा रहा है। ऐसे ट्यूबवैल जो नदी के आसपास स्थापित किए गए हैं उनमें भी वाटर लेवल काफी नीचे खिसका है। किसानों की मानें तो उन्हें आने वाले दिनों में एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा।

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