Edited By prashant sharma, Updated: 30 Jan, 2021 03:17 PM
प्रदेश में पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन एवं अन्य भत्ते नहीं मिल रहे। वृद्धावस्था पेंशन लेने वालों को महीनों इंतजार करने के बाद पेंशन मिल रही है।
हमीरपुर : प्रदेश में पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन एवं अन्य भत्ते नहीं मिल रहे। वृद्धावस्था पेंशन लेने वालों को महीनों इंतजार करने के बाद पेंशन मिल रही है। यही नहीं विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को वेतन भत्ते आदि नहीं मिल रहे हैं लेकिन सरकार इस ओर ध्यान देने की जगह मोदी गुणगान करने में मस्त है। यह आरोप प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष राजेंद्र राणा ने लगाया है। उन्होंने कहा कि हर माह हजारों करोड़ रुपए का कर्ज सरकार ले रही है लेकिन कर्मचारियों के वेतन सहित जनता को मिलने वाली वित्तीय सहायता लाभार्थियों को नहीं मिल पा रही है। इस संबंध में जब भी पीड़ित व्यक्ति संबंधित विभाग से सम्पर्क कर रहा है तो सरकार का रटा-रटाया जबाब है कि अभी बजट नहीं हैं। यह सरकार की लापरवाही और कुप्रबन्धन का नतीजा है।
उन्होंने कहा कि पथ परिवहन निगम सरकार के कुप्रबन्धन का सबसे बड़ा उदाहरण है। दिन रात सेवा करने वाले कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। बस चालकों से अतिरिक्त समय में काम करवाया जा रहा है लेकिन वेतन भत्ते नहीं दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का दीवाला पिट चुका है। प्रदेश में विकास की बात तो दूर के ढोल बन गए हैं और विकास पूर्णतः ठप्प पड़ा है। सभी योजनाएं-कार्यक्रम ठप्प हो गए हैं। ऐसे में सरकार मात्र जनता को गुमराह कर रही है और विकास के झूठे आंकड़े पेश कर बरगला रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का एक सूत्री कार्यक्रम मात्र मोदी गुणगान करने तक सीमित होकर रह गया है जिस तरह से प्रदेश में महंगाई बढ़ी है उसकी तरफ सरकार का कोई ध्यान नहीं है। खाद्य पदार्थ, बिजली, पानी, गैस, बस किराए आदि आवश्यक वस्तुएं एवम सेवाएं आमजन की पहुंच से बाहर हो चुकी हैं। गरीब और मध्यवर्ग का जीना दूभर हो चुका है लेकिन सरकार चैन से बैठ कर मोदी नाम की बंसी बजाने में व्यस्त है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस बेरुखी और लापरवाही को कांग्रेस पार्टी जनजन के बीच बेनकाब करेगी। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भाजपा के कुशासन ने तहस-नहस कर दिया है जिसका खमियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है।