कल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे ग्रामीण डाक कर्मी, जानिए क्या है वजह

Edited By Vijay, Updated: 16 Dec, 2018 09:09 PM

rural postal workers will go on indefinite strike from tomorrow

ग्रामीण डाकघरों में एक बार फिर से कामकाज पूरी तरह से ठप्प होने जा रहा है। एक सदस्यीय कमलेशचंद्र कमेटी रिपोर्ट में काट-छांट के बाद आधी-अधूरी रिपोर्ट लागू करने को लेकर केंद्र सरकार से बेहद खफा ग्रामीण डाक कर्मियों ने 18 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल...

ऊना (विशाल): ग्रामीण डाकघरों में एक बार फिर से कामकाज पूरी तरह से ठप्प होने जा रहा है। एक सदस्यीय कमलेशचंद्र कमेटी रिपोर्ट में काट-छांट के बाद आधी-अधूरी रिपोर्ट लागू करने को लेकर केंद्र सरकार से बेहद खफा ग्रामीण डाक कर्मियों ने 18 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। ग्रामीण डाक कर्मियों की 2 बड़ी यूनियनों ऑल इंडिया ग्रामीण डाक सेवक यूनियन तथा एन.यू.जी.डी.एस. दोनों प्रमुख कर्मचारी संगठनों ने मिलकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। देशभर में तकरीबन 2.80 लाख ग्रामीण डाक कर्मियों के हड़ताल पर जाने की प्रमुख वजह जी.डी.एस. वेतनमानों में संशोधन के लिए कमलेशचंद्र कमेटी की रिपोर्ट पर कैंची चलाकर इसे लागू किया गया है। ग्रामीण डाक कर्मियों में केंद्र सरकार के प्रति रोष है और कमेटी की रिपोर्ट को मूलरूप में ही लागू करने की मांग उठाई है।

केंद्र सरकार ने अपनी कर्मचारी विरोधी नीति

ग्रामीण डाक सेवक संघ हिमाचल प्रदेश के परिमंडलीय सचिव दाताराम चंदेल ने कहा कि पिछली हड़ताल के दौरान केंद्र सरकार ने वायदा किया था कि वह कमलेशचंद्र कमेटी की रिपोर्ट में दी गई सभी सिफारिशों को लागू कर देगी लेकिन देशभर के ग्रामीण डाक कर्मियों को झूठा आश्वासन देकर हड़ताल खुलवा दी थी। मौजूदा केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीति के चलते एक दफा फिर देश के ग्रामीण डाक कर्मी हड़ताल पर जाने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण डाकघरों में नई-नई योजनाओं को लागू करके काम का बोझ तो बढ़ाया जा रहा है लेकिन कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं को लागू नहीं किया जा रहा।

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