हिचकोले खाती चंबा की सड़कों पर ठिठक रहा लोगों का सफर

Edited By Punjab Kesari, Updated: 18 Oct, 2017 10:31 AM

rumble roads of chamba on be stunned people journey

चंबा जिला में हर साल दर्जनों लोगों की जानें सड़क हादसों में जाती हैं। ऐसे हादसों के बाद जब सरकारें व प्रशासन जागते हैं तो बस यही बात सामने आती है कि अगर सड़क की हालत सही होती या फिर अगर सड़क के किनारे क्रैश बैरियर लगा होता तो शायद यह हादसा नहीं होता।

चंबा (विनोद): चंबा जिला में हर साल दर्जनों लोगों की जानें सड़क हादसों में जाती हैं। ऐसे हादसों के बाद जब सरकारें व प्रशासन जागते हैं तो बस यही बात सामने आती है कि अगर सड़क की हालत सही होती या फिर अगर सड़क के किनारे क्रैश बैरियर लगा होता तो शायद यह हादसा नहीं होता। अफसोस की बात है कि इन तमाम हादसों को कुछ ही दिनों में भुला दिया जाता है और फिर भविष्य में इस प्र0कार के हादसों के मामले सामने आ जाते हैं। ऐसे में चुनावों में ये मामले ज्यादातर गौण ही नजर आते हैं लेकिन एक बात जरूर है कि राजनीतिक दल इन मामलों को अपनी चुनावी जनसभाओं में खूब उछाल कर लोगों को अपने साथ जोड़ने का प्रयास करते हैं लेकिन चुनाव समाप्त होने के बाद अगले चुनावों तक इनको पूरी तरह से ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। हर वर्ष कई परिवारों के सहारे, कई सुहागिनों का सुहाग तो कई आंखों के तारे तथा कई बच्चों के सिर से उनके अपनों का साया इन्हीं सड़क हादसों के माध्यम से हमेशा के लिए उठ जाता है। इस बात को लेकर लोक निर्माण विभाग से सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों के साथ वरिष्ठ नागरिक क्या विचार रखते हैं, इसे जानने का प्रयास किया गया।


सरकारें नहीं देतीं तरजीह
हर साल सड़कों की मुरम्मत व उनके रखरखाव पर सरकारें करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाती हैं लेकिन सड़कों की हालत में सुधार नहीं होता। जिला चंबा की सड़कों की भी ऐसी कहानी है, जहां हर साल सड़कों की काली घिसाई पर ही करोड़ों रुपए खर्चे जाते हैं लेकिन सड़कों की हालत देखकर यही लगता है कि कमीशनखोरी के इस धंधे में करोड़ों रुपए का कारोबार हर साल हो रहा है जिससे ठेकेदारों से लेकर अधिकारियों की जेबें तो गर्म हो रही हैं मगर लोगों का सफर हिचकोले खाती सड़कों पर ही ठिठक रहा है। 


कच्ची सड़कों को पक्का करना लाजिमी
जिला चंबा में अभी भी सैंकड़ों किलोमीटर लंबी सड़कें कच्ची हैं। उन सड़कों को इसलिए पक्का नहीं किया जा सकता है क्योंकि इस काम के धन की व्यवस्था नहीं हो सकी। हर बार चुनावों में सड़कों को पक्का करने की बात सामने आती है लेकिन कम ही सड़कें भाग्यशाली नजर आती हैं। चुनावों में बड़ी-बड़ी बातें करने वाले नेता चुनावों के बाद खुद  ही सड़कों के पक्का न होने के लिए धन की कमी का राग अलापना शुरू कर देते हैं। यही वजह है कि जिला चंबा में आज भी दर्जनों ऐसी सड़कें हैं जोकि कच्ची होने के चलते अप्रिय घटनाओं को जन्म देने का काम करती हैं।  

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