Edited By Simpy Khanna, Updated: 27 Sep, 2019 10:47 AM
बदलते समय के साथ रहने का नजरिया बदला तो एक नया नाम उभर कर आया पेइंग गैस्ट। आज पेइंग गैस्ट के तौर पर घर में लोगों को रखना एक चलन बन गया है तथा इसने व्यवसाय का रूप भी ले लिया। शहर में इन दिनों सैंकड़ों अवैध पेइंग गैस्ट (पीजी) हाऊस चलाए जा रहे हैं।...
धर्मशाला (नरेश) : बदलते समय के साथ रहने का नजरिया बदला तो एक नया नाम उभर कर आया पेइंग गैस्ट। आज पेइंग गैस्ट के तौर पर घर में लोगों को रखना एक चलन बन गया है तथा इसने व्यवसाय का रूप भी ले लिया। शहर में इन दिनों सैंकड़ों अवैध पेइंग गैस्ट (पीजी) हाऊस चलाए जा रहे हैं। इससे जहां नगर निगम के राजस्व को लाखों रुपए का चूना लग रहा है, वहीं पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार धर्मशाला में इन दिनों बड़ी संख्या में अवैध पेइंग गैस्ट हाऊस चल रहे हैं। अधिकतर पेइंग गैस्ट हाऊस में रहने वाले लोगों का पुलिस के पास कोई रिकार्ड नहीं है। पेइंग गैस्ट होम के मालिक भी इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। नतीजतन आपराधिक किस्म के लोग इसका फायदा उठा सकते हैं।
आलम तो यह है कि पेइंग गैस्ट हाऊस के मालिकों द्वारा मोटी कमाई के लालच में बिना पहचान पत्र लिए लोगों को पेइंग गैस्ट रखना आम बात हो गई है। प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है, ऐसे में कभी भी कोई व्यक्ति गंभीर वारदात को अंजाम आराम से देकर निकल सकता है। पेइंग गैस्ट हाऊस मालिक एक-एक पेइंग गैस्ट से 5 से 6 हजार रुपए वसूल रहा है। धर्मशाला के आसपास के क्षेत्रों में स्थित बड़ी संख्या में शिक्षण संस्थानों के चलते शहर में पिछले 4-5 सालों में छात्रों की संख्या बढऩे के साथ-साथ पेइंग गैस्ट रखने का कारोबार तेजी से बढ़ा है।
शहर में खुले पेइंग गैस्ट हाऊस का सर्वे करवाएंगे : मेयर
नगर निगम धर्मशाला के मेयर देवेंद्र जग्गी का कहना है कि नगर निगम के अंतर्गत पड़ते क्षेत्रों में खुले पेइंग गैस्ट हाऊसों का सर्वे करवाया जाएगा। इसके बाद घर को पेइंग गैस्ट हाऊस का रूप देकर बैठे मकान मालिकों से टैक्स वसूला जाएगा।