Edited By Vijay, Updated: 30 Jan, 2019 10:24 PM
लाल बहादुर शास्त्री मैडीकल कॉलेज नेरचौक में स्टाफ नर्सों की आऊटसोर्स भर्ती के दौरान हंगामा हो गया और मौके पर पुलिस तैनात करनी पड़ी। आयोजकों की लापरवाही के कारण 2,500 से अधिक महिला अभ्यर्थी लिखित परीक्षा देने पहुंच गईं, जिन्हें परेशानी का सामना करना...
मंडी (नितेश): लाल बहादुर शास्त्री मैडीकल कॉलेज नेरचौक में स्टाफ नर्सों की आऊटसोर्स भर्ती के दौरान हंगामा हो गया और मौके पर पुलिस तैनात करनी पड़ी। आयोजकों की लापरवाही के कारण 2,500 से अधिक महिला अभ्यर्थी लिखित परीक्षा देने पहुंच गईं, जिन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। भर्ती करवाने आई चेन्नई की लाइफ केयर लिमिटेड संस्था ने मैडीकल कॉलेज प्रबंधन से सिर्फ 150 अभ्यर्थियों के लिए सीट और हाल मांगा था। जब सुबह 9 बजे ही हजारों की संख्या में बेरोजगार प्रशिक्षित महिला स्टाफ नर्सें परिवार सहित कैंपस में पहुंच गईं तो आयोजकों के हाथ-पांव फूल गए और नौबत धक्कामुक्की तक पहुंच गई। इस दौरान कॉलेज प्रबंधन को पुलिस बुलानी पड़ी और स्वयं एस.डी.एम. बल्ह और संयुक्त निदेशक ने मोर्चा संभाला।
प्रशिक्षु नर्सों ने विरोध में की नारेबाजी
सैंट्रल पब्लिक सैक्टर एंटरप्राइजिज द्वारा मिनिस्ट्री ऑफ हैल्थ एंड फैमिली वैल्फेयर पैरामैडीकल प्रोफैशनल इन द स्टेट ऑफ एच.पी. इन एसोसिएशन विद नैशनल हैल्थ मिशन एच.एल.एल. लाइफ केयर लिमिटेड ने लाल बहादुर शास्त्री मैडीकल कॉलेज नेरचौक में बुधवार को स्टाफ नर्सों के लिए इंटरव्यू व एक लिखित परीक्षा लेनी थी लेकिन अव्यवस्था के चलते प्रदेशभर से आई हजारों प्रशिक्षित नर्सें परेशान होकर रह गईं। सुबह से भूखी-प्यासी स्टाफ नर्सों को चक्कर आने लगे तो उन्होंने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इंटरव्यू के लिए न बुलाए जाने पर कुछ नर्सें दिनभर इधर-उधर भटकती रहीं जबकि परीक्षा हाल में मात्र 220 नर्सों के बैठने की व्यवस्था थी जबकि वहां पर बाहर लगभग 3,000 के आसपास नर्सें एकत्रित हो गई थीं।
अनुभव प्रमाण पत्र व क्वालीफिकेशन देखने की नहीं थी व्यवस्था
मौके पर इंटरव्यू के लिए उनके अनुभव प्रमाण पत्र व उनकी क्वालीफिकेशन देखने के लिए भी सही व्यवस्था नहीं थी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बल्ह पुलिस की ओर से पहले 3 जवानों को मौके पर भेजा गया जबकि उनमें कोई महिला पुलिस कर्मी मौजूद नहीं थी। एच.एल.एल. लाइफ केयर लिमिटेड के अधिकारी इस अव्यवस्था के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से बचते रहे।
क्या कहते हैं चिकित्सा अधीक्षक
लाल बहादुर शास्त्री मैडीकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक देवेंद्र शर्मा ने बताया कि एच.एल.एल. लिमिटेड कंपनी की संस्था ने उनसे एग्जामिनेशन हाल की मांग की थी जिसको हमने उपलब्ध करवा दिया था। स्थिति नियंत्रण में बनी रहे, इसके लिए कॉलेज प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहा। हमें ऐसा बताया ही नहीं गया कि इसमें कितनी स्टाफ नर्सें आ सकती हैं, बावजूद इसके हमने स्थिति को संभालने का पूरा प्रयास किया।
मैडीकल कॉलेज प्रबंधन की नहीं लापरवाही
मैडीकल कॉलेज नेरचौक के कार्यवाहक प्रधानाचार्य डा. सुरेश गुप्ता ने कहा किआयोजकों ने मैडीकल कॉलेज प्रबंधन से सिर्फ 150 अभ्यर्थियों के लिए सीट और हाल मांगा था। हमने उसी हिसाब से स्टाफ व हाल उपलब्ध करवाया था। सुबह जब 2,500 से अधिक महिला अभ्यर्थी लिखित परीक्षा देने पहुंच गईं तो हम सब हैरान रह गए लेकिन हमारी टीम ने स्थिति को संभाला और संस्था जो भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है, उसके साथ तालमेल बनाकर पहले दिन 2 चरणों में 500 से अधिक महिला अभ्यर्थियों की परीक्षा ली तथा कल भी यह प्रोसैस चलेगा। इसमें न तो सरकार और न मैडीकल कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही है, यह सीधे तौर पर आयोजकों को देखना था कि कितनी संख्या में उम्मीदवार आ सकते हैं।