110 साल पुराने टाऊन हाल पर बैठक में हंगामा, पार्षदों ने एम.सी. को देने की उठाई मांग

Edited By Vijay, Updated: 25 Aug, 2018 03:04 PM

ruckus at the 110 year old town hall meeting

शिमला की ऐतिहासिक धरोहर टाऊन हाल के स्वामित्व को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। टाऊन हाल किसे दिया जाए इसको लेकर पर्यटन विभाग ने शनिवार को बैठक बुलाई, जिसमें शिमला नगर निगम के पार्षद और शिमला के लोगों को बुलाया गया लेकिन नगर निगम के सभी सदस्य इस भवन को...

शिमला (राजीव): शिमला की ऐतिहासिक धरोहर टाऊन हाल के स्वामित्व को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। टाऊन हाल किसे दिया जाए इसको लेकर पर्यटन विभाग ने शनिवार को बैठक बुलाई, जिसमें शिमला नगर निगम के पार्षद और शिमला के लोगों को बुलाया गया लेकिन नगर निगम के सभी सदस्य इस भवन को नगर निगम को वापस देने पर अड़े रहे जबकि कुछ लोग इस सम्पत्ति पर पुस्तकालय या म्यूजियम के पक्ष में दिखे। शिमला के पूर्व सी.पी.आई.एम. मेयर रहे सजंय चौहान ने जोरदार ढंग से कहा कि ये भवन नगर निगम का है तथा उसी को वापस मिलना चाहिए। पर्यटन विभाग एवं सरकार को ऐसी बैठक कर इसका भविष्य तय करने का अधिकार नहीं है।
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टाऊन हाल पर शिमला के लोगों का अधिकार
उन्होंने कहा कि नगर निगम शिमला सबसे पुरानी निगम है और टाऊन हाल पर शिमला के लोगों का अधिकार है। शिमला के लोग और नगर निगम तय करेंगे की ये भवन किसको देना है। सरकार और पर्यटन विभाग को इस पर फैसला करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने बैठक को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि नगर निगम की मेयर को पूरा हक है कि वह आज ही टाऊन हाल में जाएं और वहां कुर्सी पर बैठें। इतना सुनना था की सभी पूर्व एवं मौजूद वर्तमान पार्षद उनके पक्ष में खड़े हो गए और हंगामा शुरू हो गया। इस बीच कांग्रेस-बीजेपी पार्षद भी हाल से बाहर आ गए।
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क्या कहती हैं मेयर कुसुम सदरेट
वहीं दूसरी ओर शिमला नगर निगम की मेयर कुसुम सदरेट का भी कहना है कि ये भवन नगर निगम का है और नगर निगम को ही वापस मिलना चाहिए। नगर निगम का जो ऑफिस है वो बिखरा हुआ है, जिस कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। नगर निगम ऑफिस की पहचान टाऊन हाल ही है और यह नगर निगम को ही मिलना चाहिए।
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क्या कहते हैं पार्षद
नगर निगम के जो पार्षद हैं उन सब का कहना है कि टाऊन हाल नगर निगम है और यह निगम को ही मिलना चाहिए। पूर्व में टाऊन हाल नगर निगम का ही ऑफिस हुआ करता था। अब पर्यटन भिभाग इसे आपने अधीन करना चाहता है जोकि सही नही है। नगर निगम ने टाउन हाल नवनिर्माण के लिए पर्यटन विभाग को दिया था। अब पर्यटन विभाग इसे हथियाना चाहता है।

उच्च न्यायालय में चल रहा मामला
बता दें कि टाऊन हाल के स्वामित्व को लेकर उच्च न्यायालय में जवाब दायर करने से पहले पर्यटन विभाग ने इस मुद्दे पर नगर निगम के साथ-साथ तमाम स्टेक होल्डर्स की बैठक तलब की है। बैठक में नगर निगम व लोगों के विचार सुनने के बाद सरकार टाऊन हाल को लेकर हाईकोर्ट में पक्ष रखेगी। शिमला का प्रसिद्ध टाऊन हाल जिसके जीर्णोद्धार का कार्य पूरा हो चुका है लेकिन अब लड़ाई ये है कि ये हाल किसको मिलना चाहिए। जीर्णोद्धार का कार्य शुरू होने से पहले ये ऐतिहासिक भवन नगर निगम शिमला के पास था  लेकिन भवन के जीर्णोद्धार के बीच ही मामला हाइकोर्ट में चल रहा है कि ये भवन किसको मिलना चाहिए। कोर्ट में इस भवन को एक पुस्तकालय या म्यूजियम के रूप में बदलने के लिए याचिका डाली गई है।

स्कॉटलैंड के आर्किटैक्ट ने डिजाइन किया था टाऊन हाल
110 साल पुराने इस भवन का निर्माण 1908 में किया गया था और इसका डिजाइन स्कॉटलैंड के आर्किटैक्ट जेम्स रेंजैम द्वारा बनाया गया था लेकिन रखरखाव न होने और शिमला नगर निगम की अनदेखी के चलते यह भवन जर्जर हो गया था। अब 8 करोड़  2 लाख रुपए के खर्चे से जीर्णोद्वार का कार्य किया गया है।

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