बंजार बस हादसे में RTO-MVI की जवाबदेही तय, जांच में ली जाएगी CIRT की मदद

Edited By Ekta, Updated: 02 Jul, 2019 09:39 AM

rto mvi accountability in banjar bus accident

कुल्लू जिला के बंजार में हुए बस हादसे में परिवहन विभाग के आर.टी.ओ. व एम.वी.आई. की जवाबदेही तय की गई है। बस हादसे की मैजिस्ट्रेट जांच में दुर्घटना का कारण तकनीकी खराबी बताया गया है। इसके अनुसार बस दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले 2 बार खराब हुई, जिसके...

शिमला (कुलदीप): कुल्लू जिला के बंजार में हुए बस हादसे में परिवहन विभाग के आर.टी.ओ. व एम.वी.आई. की जवाबदेही तय की गई है। बस हादसे की मैजिस्ट्रेट जांच में दुर्घटना का कारण तकनीकी खराबी बताया गया है। इसके अनुसार बस दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले 2 बार खराब हुई, जिसके बावजूद चालक ने उसे गंतव्य स्थान तक पहुंचाने की कोशिश की। जिस स्थान पर दुर्घटना घटी, वहां पर तीखी ढलान है, जिससे बस गहरी खाई में लुढ़क गई। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि हादसे के बाद सरकार ने बस मालिक के रूट परमिट को रद्द कर दिया है। हादसे का शिकार बस मंडी में पंजीकृत थी। इसके अलावा बस मालिक की दूसरी बस कुल्लू में पंजीकृत है। उन्होंने कहा कि परमिट रद्द करने के अलावा मालिक के खिलाफ एफ.आई.आर. भी दर्ज की गई है। 

उन्होंने कहा कि लोगों के जान-माल की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता है और इस तरह के मामलों में कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बंजार हादसे का शिकार हुई बस के मालिक ने डेढ़ व अढ़ाई बजे वाले बस रूट पर बस को नहीं चलाया। इस कारण लोगों की भीड़ बढ़ती गई। बस में क्षमता से अधिक सवारियां बैठी थीं और लोग छत पर सफर कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डेढ़ व अढ़ाई बजे वाले समय पर यदि बस मार्ग पर चलती तो भीड़ अधिक न होती और कई बेशकीमती जानों को बचाया जा सकता था। दुर्घटना से पहले बस औट में पुल तथा बाद में लारजी के पास खराब हुई। इसके बाद भी चालक ने इसे गंतव्य स्थान तक पहुंचाने की कोशिश की। परिवहन मंत्री ने कहा कि परिवहन निगम के पास 100 बसें जीरो बुक वैल्यू की हैं यानी इनको अब सड़कों पर नहीं उतारा जा सकता। ऐसी बसों की जल्द नीलामी होगी।

परिवहन मंत्री ने किया स्पष्ट, 25 फीसदी से अधिक ओवरलोडिंग की अनुमति नहीं 

उधर, चालकों-परिचालकों की असमंजस दूर करते हुए परिहवन मंत्री ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम में बसों में 25 फीसदी से अधिक ओवरलोडिंग की अनुमति नहीं है। ऐसे में ओवरलोडिंग को रोकने के लिए गंभीर पग उठाए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में बसों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा स्थानीय बेरोजगारों को 12, 15 अथवा 25 सीटर वाहनों के परमिट दिए जाएंगे। 

जांच में ली जाएगी सी.आई.आर.टी. की मदद 

गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि दुर्घटनाओं की जांच के लिए सरकार सी.आई.आर.टी. की मदद भी लेगी। अब तक दुर्घटनाओं की जांच मैजिस्ट्रैट करते हैं, लेकिन उनके पास तकनीकी विशेषज्ञता नहीं होती। सड़क हादसा खराब सड़क, तीखी ढलान अथवा ब्लैक स्पॉट के कारण हुआ। इसका पता लगाने के लिए केंद्रीय सड़क तकनीकी संस्थान के विशेषज्ञों की मदद लेने पर विचार किया जा रहा है।

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