Edited By Vijay, Updated: 09 May, 2018 01:33 AM
अवैध कब्जों के खिलाफ अब सख्त रुख अपनाया जा रहा है। वन व लोक निर्माण विभाग सहित अन्य महकमे अब इस मुद्दे पर जीरो टॉलरैंस की नीति अपना रहे हैं।
कुल्लू: अवैध कब्जों के खिलाफ अब सख्त रुख अपनाया जा रहा है। वन व लोक निर्माण विभाग सहित अन्य महकमे अब इस मुद्दे पर जीरो टॉलरैंस की नीति अपना रहे हैं। कसौली में अवैध कब्जे हटाने गई महिला अफसर की हत्या की वारदात के बाद अवैध कब्जों के मसले पर और सख्ती बरती जा रही है। अवैध कब्जों के खिलाफ डी.सी. कुल्लू यूनुस ने सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करते हुए अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान में शामिल अधिकारियों व संबंधित महकमों को सख्त निर्देश जारी कर रखे हैं।
मकान व दुकानों का बड़ा हिस्सा सड़क पर
वहीं गत दिनों शिकायतकर्ता एवं आर.टी.आई. के तहत सूचना मांगने वाले चरण सिंह की शिकायत पर जब निशानदेही की गई तो कब्जे अवैध पाए गए और सबसे बड़ी बात यह कि शिकायतकर्ता का अपना मकान भी वन भूमि पर पाया गया। लोक निर्माण विभाग की निशानदेही में भी उसके मकान व दुकानों का बड़ा हिस्सा सड़क पर पाया गया था। कुछ दिन पहले डोभी में भी पशुपालन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे के चलते 2 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। अन्य इलाकों में भी इसी तरह अवैध कब्जों पर मामले दर्ज हो रहे हैं।
8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
कसौली कांड का ही असर है कि सोमवार को पार्वती घाटी के छरौडऩाला गांव में एक साथ पुलिस ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने वाले 8 लोगों के खिलाफ भा.दं.सं. की धारा 447 और इंडियन फोरैस्ट एक्ट की धारा 32 व 33 के तहत मामले दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि पूरे प्रकरण में दोबारा निशानदेही करवाई जाएगी। इस गांव में 7 जुलाई, 2016 और 12 अप्रैल, 2017 को लोक निर्माण विभाग ने भी निशानदेही करवाई थी। उस दौरान 2 मकान, एक राशन का डिपो, एक शराब का ठेका व अन्य दुकानें लोक निर्माण विभाग की भूमि पर पाई गई थीं।