Edited By Ekta, Updated: 09 Sep, 2019 09:29 AM
क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में हुई क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आर.टी.ए.) की बैठक में रूट परमिट देने में धांधली के आरोप लगे हैं। निजी बस ऑप्रेटरों ने अपने चहेतों को 120 किलोमीटर तक बढ़ाकर रूट परमिट दिए जाने के आरोप लगाए हैं। ऐसे में अब इस मामले को...
शिमला (ब्यूरो): क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में हुई क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आर.टी.ए.) की बैठक में रूट परमिट देने में धांधली के आरोप लगे हैं। निजी बस ऑप्रेटरों ने अपने चहेतों को 120 किलोमीटर तक बढ़ाकर रूट परमिट दिए जाने के आरोप लगाए हैं। ऐसे में अब इस मामले को लेकर हिमाचल बस ऑप्रेटर्स यूनियन कोर्ट पहुंचे हैं। 12 सितम्बर को इस मामले में सुनवाई होगी। ऑप्रेटर्स ने आरोप लगाए हैं कि अधिकारियों ने अपने जानने वाले ऑप्रेटरों को मोटर व्हीकल अधिनियम के बाहर रूट परमिट दिए हैं, जबकि नियमों के तहत मोटर व्हीकल अधिनियम की धारा 80 (3) में प्रावधान है कि रूट परमिट को 24 किलोमीटर से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता है, लेकिन शिमला क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में 120 किलोमीटर रूट परमिट में बढ़ौतरी की गई है, जोकि नियमों का उल्लंघन है।
शिमला में आर.टी.ए. की बैठक 3 जनवरी, 2019 को हुई। बैठक में आइटम नंबर और एजैंडा नंबर के तहत रेओग-रामपुर वाया थानाधार रूट परमिट जो 60:40 परिवहन नीति में दिया गया था, उसको बदल कर रामपुर-शिमला राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर दिया गया है। इसके अतिरिक्त कलबोग से ढली तक चलने वाली निजी बस को शिमला तक किया गया है। चमोला खड्ड से ढली चलने वाली निजी बस को शिमला रूट दिया गया। इसी तरह ठियोग-बसाधार चलने वाली बस को गैर-कानूनी तरीके से शिमला तक करना शामिल है।