Edited By kirti, Updated: 18 Feb, 2020 01:03 PM
सितम्बर महीने के आते ही 10 हजार फुट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी टनल के खुलते ही इस टनल से गुजरने वाले सैलानियों का सफर एक ओर वंडरफुल तो दूसरी ओर ब्यूटीफुल वैली के दीदार करवाएगा। एक ओर जहां सैलानी टनल के शुरूआती छोर पर हरी-भरी वादियों के दीदार...
मनाली : सितम्बर महीने के आते ही 10 हजार फुट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी टनल के खुलते ही इस टनल से गुजरने वाले सैलानियों का सफर एक ओर वंडरफुल तो दूसरी ओर ब्यूटीफुल वैली के दीदार करवाएगा। एक ओर जहां सैलानी टनल के शुरूआती छोर पर हरी-भरी वादियों के दीदार करेंगे। वहीं, टनल के दूसरी ओर 6 महीने बर्फ की कैद में रहने वाली शीत मरुस्थल लाहौल घाटी का लुत्फ उठा पाएंगे। खूबसूरत बर्फ से लकदक बारालाचा की पहाडिय़ां व सुरजताल ग्लेशियर सैलानियों के सफर का रोमांच बढ़ा देंगे। लाहौल के युवा भी पर्यटकों के स्वागत की तैयारियों में जुट गए हैं। जिस्पा घाटी के युवाओं ने तो लाहौल-स्पीति ईको टूरिज्म सोसायटी का गठन कर पहले ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। यहां के युवा हर साल पर्यटन को बढ़ावा देने को अपने बल पर 3 दिवसीय मेले का भी आयोजन करते हैं।
इस साल सितम्बर के बाद सैलानी रोहतांग दर्रे के दीदार के साथ-साथ अटल टनल के भी दीदार कर सकेंगे। हालांकि सैलानियों के लिए सुरंग सितम्बर के बाद ही खुलेगी, लेकिन बी.आर.ओ. द्वारा सड़क बहाल कर देने से लाहौल घाटी टनल के रास्ते जुड़ गई हैं। लाहौल-स्पीति प्रशासन व सरकार की पहल व बी.आर.ओ. के सार्थक सहयोग से आपात स्थिति में लोगों का टनल से आना-जाना शुरू हो गया है। कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने कहा कि लाहौल घाटी में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा तथा मास्टर प्लान तैयार कर घाटी का विकास किया जाएगा। टनल के छोर पर भी पर्यटन गतिविधियां आयोजित की जाएंगी और पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रोहतांग बहाली होने तक एक ओर हवाई सेवा जारी रहेगी, वहीं टनल से भी बी.आर.ओ. के साथ बेहतर तालमेल से आपात स्थिति में आने-जाने की सुविधा प्रदान की जाएगी।