Edited By Vijay, Updated: 07 Aug, 2020 12:23 AM
रोहतांग सुरंग अब अटल रोहतांग टनल के नाम से जानी जाएगी। केंद्र सरकार ने 25 दिसम्बर को रोहतांग सुरंग का नाम अटल टनल रखा था लेकिन अब फिर से रोहतांग को जोड़ते हुए अटल रोहतांग टनल कर दिया है।
मनाली (सोनू): रोहतांग सुरंग अब अटल रोहतांग टनल के नाम से जानी जाएगी। केंद्र सरकार ने 25 दिसम्बर को रोहतांग सुरंग का नाम अटल टनल रखा था लेकिन अब फिर से रोहतांग को जोड़ते हुए अटल रोहतांग टनल कर दिया है। टनल का नाम अटल टनल रखने से लोगों में चर्चा शुरू हो गई थी कि दुनिया में मशहूर रोहतांग का नाम टनल से जोड़ा जाए। केंद्र सरकार ने लोगों की भावना को समझते हुए अब टनल का नाम अटल रोहतांग टनल रख दिया है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर 25 दिसम्बर को यह सुरंग उन्हें समर्पित करते हुए रोहतांग सुरंग का नाम अटल सुरंग रखा था। अटल का लाहौल के लोगों के साथ भी गहरा नाता रहा है। उनके सखा रहे लाहौल के अर्जुन गोपाल उर्फ टशी दवा के आग्रह व सामरिक दृष्टि को समझते हुए अटल जी ने जून, 2002 में केलांग आकर इस सुरंग का निर्माण करने की घोषणा की थी। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जून, 2010 में इसका शिलान्यास किया था।
सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण अटल रोहतांग टनल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। सुरंग के दोनों ओर मुख्य भव्य द्वार का निर्माण युद्धस्तर पर जारी है। बीआरओ की मानें तो सितम्बर मध्य में देश के प्रधानमंत्री सुरंग देश को समर्पित करने जा रहे हैं। हालांकि इस साल मटर की फसल मंडियों में रोहतांग होते हुए पहुंच रही है तथा आलू भी दर्रे से होकर भेजे जाएंगे लेकिन बागवानों को इस साल सेब भेजने की चिंता नहीं सताएगी। लाहौल घाटी में सेब सीजन अक्तूबर में शुरू होता है जो नवम्बर तक चलता है। पिछले 2 सालों से रोहतांग दर्रे में बर्फ पडऩे से लाहौल के बागवान अपने सेब मंडियों में नहीं भेज पाए हैं जिससे उन्हें लाखों का नुक्सान भी हुआ है लेकिन इस बार बागवानों को खुशी है कि सेब सुरंग से होते हुए मंडियों में भेजे जा सकेंगे।
अटल रोहतांग सुरंग परियोजना के चीफ इंजीनियर केपी पुरसोथमन ने बताया कि अटल टनल का नाम अब अटल रोहतांग टनल रखा गया है। अति आधुनिक तकनीक से निर्मित 8.8 किलोमीटर लम्बी यह सुरंग बनकर तैयार हो गई है। प्रवेश द्वार सहित शेष रहे कार्य को युद्धस्तर पर पूरा किया जा रहा है। सर्दियों में अब लाहौल के लोगों को दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।