Edited By kirti, Updated: 15 Oct, 2019 10:37 AM
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी.) ने हिमाचल सरकार को पालचन-रोहतांग दर्रे पर बनने वाले रोपवे के लिए एक महीने के अंदर वन्य जीव मंजूरी दिलाने का निर्देश दिया है। एन.जी.टी. ने मंजूरी प्रक्रिया शुरू करने के लिए कदम उठाने तथा पर्यावरण मसौदा अधिसूचना के...
नई दिल्ली/शिमला (एजैंसियां): राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी.) ने हिमाचल सरकार को पालचन-रोहतांग दर्रे पर बनने वाले रोपवे के लिए एक महीने के अंदर वन्य जीव मंजूरी दिलाने का निर्देश दिया है। एन.जी.टी. ने मंजूरी प्रक्रिया शुरू करने के लिए कदम उठाने तथा पर्यावरण मसौदा अधिसूचना के लिए नया प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा है। एन.जी.टी. के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने राज्य सरकार को मामले में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के साथ सहयोग करने का भी निर्देश दिया है।
एन.जी.टी. की पीठ ने अपने हालिया फैसले में कहा, ‘‘सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग मरही और मनाली में अपशिष्ट शोधन संयंत्र (एस.टी.पी.) का उन्नयन/पूर्ण किया जाना सुनिश्चित कर सकता है। शहरी विकास विभाग कचरे की ऊर्जा संयंत्र में पूर्ति करने के लिए कदम उठा सकता है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘लोक निर्माण विभाग गुलाबा के निकट पर्यावरण के अनुकूल बाजार तथा पार्किंग के निर्माण के लिए कदम उठा सकता है। इस काम को तेजी से पूरा किया जा सकता है लेकिन यह 31 जुलाई, 2020 से आगे नहीं जाना चाहिए। अगर 31 जुलाई तक काम पूरा नहीं होता है तो प्रभारी अतिरिक्त मुख्य सचिव और संबंधित एच.ओ.डी. (विभाग प्रमुख) के सेवा रिकॉर्ड में निश्चित रूप से प्रतिकूल प्रविष्टि की जानी चाहिए। ऐसे लोगों को नोटिस देकर उनकी जिम्मेदारी पूरी करने के लिए कहा गया है।’’
एन.जी.टी. का यह फैसला राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव की स्टेटस रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा कि परियोजना के वास्ते वन भूमि के अन्य उपयोग के लिए प्रथम चरण की वन मंजूरी मिल चुकी है लेकिन दूसरे चरण की वन मंजूरी नहीं मिल पाई है क्योंकि यह इलाका वन्यजीव अभ्यारण्य के 10 किलोमीटर के अंदर है।