रोहतांग मार्ग पर गिरी चट्टानें, मनाली-लेह मार्ग बहाल

Edited By kirti, Updated: 30 Jun, 2018 09:39 AM

rocks fall on rohtang road manali leh route restored

बरसात की पहली बारिश ने ही मनाली के अरमानों को धो दिया है। जगह-जगह हुए भू-स्खलन से बी.आर.ओ. सहित सैलानियों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। मनाली-रोहतांग मार्ग के चुंबक मोड़ में आधी रात को भारी-भरकम चट्टानें सड़क पर आ गिरीं, जिससे रोहतांग मार्ग वाहनों के लिए...

मनाली : बरसात की पहली बारिश ने ही मनाली के अरमानों को धो दिया है। जगह-जगह हुए भू-स्खलन से बी.आर.ओ. सहित सैलानियों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। मनाली-रोहतांग मार्ग के चुंबक मोड़ में आधी रात को भारी-भरकम चट्टानें सड़क पर आ गिरीं, जिससे रोहतांग मार्ग वाहनों के लिए बंद हो गया। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सैलानियों को गुलाबा बैरियर से आगे जाने की अनुमति नहीं दी। उधर, सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग को बी.आर.ओ. ने जिंगजिंगबार और तेङ्क्षलग नाले को तो बहाल कर दिया लेकिन पागल नाले में बाढ़ से आए मलबे और पत्थरों ने बी.आर.ओ. की दिक्कतों को बढ़ा दिया। 10 घंटों की कड़ी मेहनत के बाद बी.आर.ओ. पागल नाले को बहाल करने में सफल रहा।

बी.आर.ओ. ने मनाली-लेह मार्ग पर लगभग 30 घंटों के बाद ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू किया। सीमा सड़क संगठन मनाली के कार्यकारी कमांडर लैफ्टिनैंट कर्नल मयंक मेहता ने बताया कि बारालाचा के जिंगजिंगबार, तेङ्क्षलगनाले सहित पागलनाले में बाढ़ के कारण मनाली-लेह मार्ग शाम 5 बजे बहाल कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि जगह-जगह बी.आर.ओ. ने डोजर व मशीनें स्थापित कर दी हैं और मार्ग को बहाल रखने के यथासंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इधर बर्फ  के दीदार करने रोहतांग दर्रे में गए अधिकतर सैलानियों को गुलाबा से ही वापस लौटना पड़ा लेकिन एच.आर.टी.सी. की 14 इलैक्ट्रिक बसों सहित लगभग 200 पर्यटक वाहन ही रोहतांग दर्रे में पहुंचे

वाहन चालकों सुरेश और प्रकाश ने बताया कि वे सुबह 6 बजे सैलानियों को लेकर रोहतांग के लिए रवाना हुए लेकिन मार्ग अवरुद्ध होने के चलते उन्हें वाहन गुलाबा से ही वापस लाने पड़े। वहीं जिंगजिंगबार के समीप नाले में बाढ़ आ जाने से जगह-जगह अवरुद्ध हो गया। मार्ग के बंद हो जाने से इस मार्ग पर सैंकड़ों पर्यटक वाहन फंस गए। दोपहर बाद सिस्सू के पास पागल नाला ने भयंकर रूप धारण कर लिया। हालांकि किसी भी वाहन को बाढ़ से कोई नुक्सान नहीं पहुंचा लेकिन कई सैलानी जिंगजिंगबार, पागल नाला तथा पागलनाला-तेलिंग तथा तेजिंग और कोकसर के बीच फंस गए। सैंकड़ों वाहनों में हजारों सैलानी जगह-जगह फंस गए। जिन्हें जहां जगह मिली वहीं शरण ले ली।

कुछ एक सैलानियों ने गाड़ी में बैठकर रात बिताई। स्पीति से लाहौल आ रही विधानसभा कमेटी ने भी स्पीति के रास्ते ग्रांफू  से मनाली का रुख कर लिया। मनाली के एस.डी.एम. रमन घरसंगी ने बताया कि बरसात के कारण चुंबक मोड़ के पास भारी-भरकम चट्टानें गिर गईं। खतरे को देखते हुए प्रशासन ने सैलानियों को गुलाबा बैरियर में ही रोक दिया। उन्होंने बताया कि बी.आर.ओ. द्वारा मार्ग को बहाल करने के बाद ही पर्यटक वाहनों को गुलाबा से आगे भेजा गया है। सैलानियों से आग्रह है कि मौसम की परिस्थितियों को देखकर ही रोहतांग दर्रे का रुख करें। बारिश व खराब मौसम में रोहतांग न जाएं। उन्होंने वाहन चालकों से भी आग्रह है कि वे सैलानियों को सही ढंग से गाइड करें।

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