हिमाचल में अब रोड सेफ्टी ऑडिट के बाद ही मिलेगी सड़कें बनाने की मंजूरी, CM ने दिए निर्देश

Edited By Ekta, Updated: 09 Jul, 2019 11:21 AM

road safety audit

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पी.एम.जी.एस.वाई.) के तहत बनाई जा रही सड़कों का काम समयबद्ध पूरा करने के निर्देश दिए। पी.डब्ल्यू.डी. की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों...

 

 

शिमला (ब्यूरो): मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पी.एम.जी.एस.वाई.) के तहत बनाई जा रही सड़कों का काम समयबद्ध पूरा करने के निर्देश दिए। पी.डब्ल्यू.डी. की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। प्रदेशवासियों के लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। ऐसे में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पी.एम.जी.एस.वाई. के तहत इस वर्ष 2520 किलोमीटर नई सड़कों के निर्माण और 77 बस्तियों को सड़क सुविधा से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही पी.एम.जी.एस.वाई.-2 से 1250 किलोमीटर सड़कों को अपग्रेड किया जाएगा। 

उन्होंने गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता न करने की हिदायत दी है। बंजार व झंझीड़ी बस हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने सभी सड़कों को रोड सेफ्टी ऑडिट के बाद मंजूरी देने के निर्देश दिए। नई सड़कों की स्वीकृति निष्पक्ष एजैंसी द्वारा सुरक्षा ऑडिट के उपरांत दी जाएगी। उन्होंने भविष्य में सड़क सुरक्षा ऑडिट का प्रावधान डी.पी.आर. में सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़क किनारे रिटेनिंग वाल, क्रैश बैरियर और पैरापिट्स बनाने में ढिलाई न बरती जाए। प्रदेश में अब तक 4115 ब्लैक स्पॉट्स का सुधार कर लिया गया है। शेष पर काम जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सड़कों के रखरखाव व चौराहों की जियोमैट्रिक्स में सुधार और यात्रियों को बेहतर सड़क सुविधा प्रदान करने के लिए सुरंग निर्माण जैसे कार्यों को करने के लिए हिमाचल प्रदेश सड़क अधोसंरचना विकास निगम को सुदृढ़ किया जाएगा।

उन्होंने किसी भी कार्य की स्वीकृति और कार्य को अवार्ड करने के बीच की समय अवधि में कमी लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पानी की सही से निकासी न होने की वजह से सड़कों को बहुत ज्यादा नुक्सान होता है। ऐसे में जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। जल निकास सुविधा सड़क स्वीकृति के दौरान देखनी होगी। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि चल रही विभिन्न परियोजनाओं में देरी, परिणामस्वरूप बढ़ते खर्च के दृष्टिगत वन स्वीकृतियों में तेजी लाने के लिए चीफ इंजीनियर स्तर के अफसर इस कार्य के लिए नोडल अधिकारी नियुक्ति किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत 69 राष्ट्रीय राज मार्गों में से 4031 किलोमीटर लंबे 63 एन.एच. की डी.पी.आर. बना ली गई है, जबकि 170 किलोमीटर की लंबाई वाले तीन एन.एच. की डी.पी.आर. एन.एच.आई.डी.सी.एल. द्वारा बनाई गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं को क्रियान्वित करते समय गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखना चाहिए तथा स्थानीय वास्तुकार और पारंपरिक तकनीकी जानकारियों का प्रयोग करते हुए भवन निर्माण किया जाना चाहिए। इस दौरान दावा किया गया कि राज्य की कुल 3226 पंचायतों में से 3131 पंचायतों को सड़क सुविधा से जोड़दिया गया है। इसी तरह प्रदेश की 18,711 बस्तियों में से 13782 बस्तियां सड़क सुविधा से जुड़ गई हैं। इस मौके पर प्रधान सचिव पी.डब्ल्यू.डी. जे.सी. शर्मा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू, प्रमुख अभियंता पी.डब्ल्यू.डी. आर.के. वर्मा, विशेष सचिव पी.डब्ल्यू.डी. डी.सी. नेगी. चीफ इंजीनियर ललित भूषण शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। 

आई.जी.एम.सी. के ओ.पी.डी. ब्लाक का जल्द निर्माण करने के दिए निर्देश

पी.डब्ल्यू.डी. की रिव्यू बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने आई.जी.एम.सी. के नए ओ.पी.डी. ब्लाक का निर्माण कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। ओ.पी.डी. ब्लॉक का काम काफी वक्त से लटका हुआ है। इस वजह से अस्पताल में रोजाना होने वाली परेशानियों को देखते हुए जय राम ठाकुर ने जल्द काम पूरा करके यहां ओ.पी.डी. चलाने को बोला है।

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