Edited By Vijay, Updated: 18 Dec, 2018 09:34 PM
1984 में दंगा पीड़ितों के मामले में न्यायालय के निर्णय के बाद दंगा पीड़ित परिवार पंजाब से विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नयनादेवी मंदिर पहुंचे व मां की अरदास की। दंगों में पीड़ित वृद्ध महिला चरणजीत कौर निवासी गांव टकाला जिला रोपड़ (पंजाब) ने पुजारियों को...
नयनादेवी (मुकेश): 1984 में दंगा पीड़ितों के मामले में न्यायालय के निर्णय के बाद दंगा पीड़ित परिवार पंजाब से विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नयनादेवी मंदिर पहुंचे व मां की अरदास की। दंगों में पीड़ित वृद्ध महिला चरणजीत कौर निवासी गांव टकाला जिला रोपड़ (पंजाब) ने पुजारियों को आपबीती सुनाते हुए कहा कि वर्ष 1984 के दंगों में उसका पति, बेटा और भाई मारे गए थे। उसका भी पूरी तरह से सिर फोड़ दिया था और वह बुरी तरह से घायल हो गई थी। बड़ी मुश्किल से उसकी जान बची थी। उसने कहा कि उनके परिवार पर विपदाओं का पहाड़ आन पड़ा था।
न्यायालय के फैसले से खुश हैं दंगा पीड़ित
महिला के साथ आए परिजन राम लोक ने बताया कि वे न्यायालय के फैसले से खुश हैं। टी.वी. के माध्यम से उन्होंने फैसला सुना और मंगलवार को मां के दरबार में आकर अरदास की। माता रानी दिवंगत आत्माओं को शांति दे यही माता के दरबार में प्रार्थना की है। इसके उपरांत उन्होंने माता जी के दर्शन किए। उन्होंने माता श्री नयनादेवी के मंदिर में चांदी के नेत्र चढ़ा मां का आशीर्वाद प्राप्त किया।