दिव्यांग RM ने HRTC को दिए 36 साल, विभाग ने छुट्टी के दौरान ही घर भेज दिए रिटायरमैंट के ऑर्डर

Edited By Vijay, Updated: 03 Jul, 2020 09:32 PM

retirement orders sent home to divyang rm during holiday time

हिमाचल प्रदेश के एचआरटीसी में कार्यरत 100 फीसदी दिव्यांग रीजनल मैनेजर के साथ विभाग ने भद्दा मजाक किया है। दिव्यांग को 36 वर्ष एचआरटीसी सेवा करने के बाद छुट्टी के दौरान ही घर पर रिटायरमैंट के ऑर्डर भेजे गए हैं, जिससे दिव्यांग शेर सिंह काफी आहत हुए...

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश के एचआरटीसी में कार्यरत 100 फीसदी दिव्यांग रीजनल मैनेजर के साथ विभाग ने भद्दा मजाक किया है। दिव्यांग को 36 वर्ष एचआरटीसी सेवा करने के बाद छुट्टी के दौरान ही घर पर रिटायरमैंट के ऑर्डर भेजे गए हैं, जिससे दिव्यांग शेर सिंह काफी आहत हुए हैं। इस तरह अचानक रिटायरमैंट के ऑर्डर देख कर दिव्यांग शेर सिंह हैरान हैं और कहा है कि उनकी फाइल डेढ़ वर्ष तक सचिवालय में संस्तुति होने के बाद सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष की गई थी तो उक्त अधिसूचना नवम्बर, 2019 उनके ऊपर लागू नहीं होनी चाहिए थी या कम से कम 3 माह का समय दिया जाना चाहिए था ताकि वे अपने रिटायरमैंट संबंधी कागजात समय रहते ऑफिस में जमा करवाते क्योंकि डेली वेजिज कर्मचारी को भी अगर नौकरी से हटाना हो तो उसे भी 3 माह का नोटिस देना पड़ता है।

दिव्यांग रिटायर शेर सिंह ने बताया कि वे 100 प्रतिशत दृष्टिबाधित हैं और जब वे सर्विस में थे तो कार्यालय कर्मचारी का सपोर्ट मिल जाने के कारण आने-जाने की समस्या नहीं थी लकिन अब किसी का सपोर्ट मिलना भी मुमकिन नहीं है क्योंकि कोरोना की वजह से वह अपने पैतृक घर डाबला घुमारवीं, जिला बिलासपुर में हैं। स्वयं 100 प्रतिशत दृष्टिबाधित होने के साथ-साथ उनकी बेटी भी विकलांग है एवं पत्नी हार्ट पेशैंट है जिससे आने-जाने की दिक्कत व अन्य समस्याओं के कारण अभी तक भी वे अपने रिटायरमैंट के कागजात मुख्यालय में जमा नहीं कर सके हैं। उन्होंने बताया कि रिटायर होने के 4 महीने बाद भी न तो पैंशन मिल रही है और न ही रिटायर होने के बाद मिलने वाले लाभ मिल पा रहे हैं जिससे परिवार की आर्थिक परेशानी भी बढ़ गई है।

दिव्यांग रिटायर आरएम शेर सिंह ने सरकार से गुहार लगाई है कि भारत सरकार और पड़ोसी राज्य पंजाब (जिसके आधार पर ही हिमाचल कर्मचारी के वितीय लाभ तथा अनेकों सेवा शर्त तय होती है) द्वारा अभी भी दृष्टिहीन कर्मचारी की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष ही है। अत: उन्हें भी 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त किया जाए या 3 माह का समय देकर यह अवसर प्रदान किया जाए कि वे अपने रिटायरमैंट से संबंधित कागजातों पर कार्यवाही करवा सकें या फिर इस कार्य के लिए हिमाचल पथ परिवहन प्रबंधन किसी कर्मचारी को उनके निवास स्थान पर भेजे ताकि वे हिमाचल पथ परिवहन निगम में 36 वर्ष की सेवा करने के बाद सम्मानजनक तरीके से सेवानिवृत्ति लेकर घर जा सकें।

गौरतलब है कि भारत सरकार के निर्णय अनुसार हिमाचल सरकार द्वारा वर्ष 2013 में दृष्टिबाधित सरकारी कर्मचारियों/अधिकारियों की सेवानिवृत्त आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष की गई थी, जिसका लाभ कई कर्मचारियों/अधिकारियों को मिला भी है, उसी आधार पर रिटायर आरएम शेर सिंह को भी मई, 2019 में 60 वर्ष की आयु का तक सेवा विस्तार दिया गया था लेकिन नवम्बर, 2019 में हिमाचल कैबिनेट द्वारा निर्णय लेकर वर्ष 2013 की अधिसूचना को वापस ले लिया गया। चूंकि दिव्यांग आरएम को यह लाभ मिल चुका था। सरकार का निर्णय दिव्यांग पर लागू होता है या नहीं, इसके स्पष्टीकरण के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम प्रबंधन द्वारा फाइल सचिव ट्रांसपोर्ट को भेजी, जिसका जवाब 22 फरवरी, 2020 को प्राप्त हुआ और उसी दिन दिव्यांग शेर सिंह को सेवानिवृत्त कर दिया गया।

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