सेवानिवृत्त कर्नल ने फोरलेन प्रभावितों को दिए मुआवजे पर उठाए सवाल, जानिए क्या कहा

Edited By Vijay, Updated: 01 Oct, 2019 04:21 PM

retired colonel angroop bodh

सेवानिवृत्त कर्नल अंगरूप बोध ने प्रदेश सरकार द्वारा फोरलेन प्रभावितों को दिए गए मुआवजे पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि 30 साल फौज में नौकरी करने के बाद 15 मील बड़ाग्रा महौल में 1 बीघा जमीन 3 लाख रुपए प्रति बिस्वा के हिसाब से जमीन खरीदी थी और...

कुल्लू (दिलीप): सेवानिवृत्त कर्नल अंगरूप बोध ने प्रदेश सरकार द्वारा फोरलेन प्रभावितों को दिए गए मुआवजे पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि 30 साल फौज में नौकरी करने के बाद 15 मील बड़ाग्रा महौल में 1 बीघा जमीन 3 लाख रुपए प्रति बिस्वा के हिसाब से जमीन खरीदी थी और उसके बाद पता चला कि जो जमीन उन्होंने खरीदी वो जमीन नैशनल हाईवे ऑथोरिटी ने फोरलेन के लिए अधिग्रहण कर ली। उन्होंने कहा कि जो जमीन उन्होंने बुढ़ापे में जीने के सहारा के लिए ली थी उस जमीन को प्रदेश सरकार ने अधिग्रहण के बाद कौडिय़ों के भाव से खरीद लिया।

उन्होंने कहा कि 3 लाख रुपए प्रति बिस्वा के हिसाब से खरीदी जमीन का सरकार ने 2 लाख 40 हजार प्रति बिस्वा के हिसाब से मुआवजा देकर अधिग्रहण किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश हित के लिए किसानों-बागवानों की जमीन का अधिग्रहण किया लेकिन जमीन अधिग्रहण करने के बाद उनको उचित मुआवजा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि उन्हें फौज की पैंशन मिलती है जिससे वो अपना गुजारा कर रहे हैं लेकिन उनके आसपास सैंकड़ों गरीब लोगों की पुश्तैनी जमीन अधिग्रहण करने के बाद उचित मुआवजा नहीं मिला और कई लोग तो बेघर हो गए, उन्हें भी सरकार ने उचित मुआवजा नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार ने भू-अधिग्रहण कर पुनर्वास व पुनस्र्थापन की बात कह रही है लेकिन दूसरी तरफ फोरलेन निर्माण में हजारों लोगों का व्यवसाय चौपट हो गया और सैंकड़ों लोग बेघर हो गए, जिनके लिए सरकार व प्रशासन ने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को फोरलेन प्रभावित को विजन डॉक्यूमैंट में किया वायदा पूरा करना चाहिए नहीं तो उनके पास केंद्र सरकार व सुप्रीम कोर्ट में जाने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार भू-अधिग्रहण कानून 2013 के तहत चार गुना मुआवजा नहीं देती है तब तक हम फोरलेन प्रभावितों के हक के लिए लड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि कुल्लू जिला में प्रशासन ने 2012 के बाद भूमि के सर्कल रेट रिवाइज नहीं किए जबकि मंडी जिला में 4-4 बार प्रशासन ने भूमि के सर्कल रेट रिवाइज कर फोरलेन प्रभावितों को उचित मुआवजा दिया। उन्होंने कहा कि कुल्लू जिला में प्रशासन सभी उपमंडल में भूमि के सर्कल रेट रिवाइज करे ताकि फोरलेन प्रभावितों को उचित मुआवजा मिल सके। उन्होंने कहा कि कुल्लू जिला में कुल्लू से लेकर मनाली तक 5.15 लाख रुपए प्रति बिस्वा भूमि का रेट है और प्रशासन के पास डेढ़ लाख के अधिक सर्कल रेट नहीं हैं, जिससे किसानों-बागवानों को फोरलेन निर्माण में भूमि का उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है।

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