कसौली गोलीकांड : मंडलायुक्त ने सरकार को सौंपी 130 पन्नों की रिपोर्ट

Edited By Vijay, Updated: 18 May, 2018 10:42 PM

report of 130 pages submitted to the government by the dc

सोलन जिला के कसौली में सहायक नगर नियोजन अधिकारी शैल बाला और लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी गुलाब सिंह को गोली मारने की घटना को लेकर मंडलायुक्त शिमला ने प्रदेश सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।

शिमला: सोलन जिला के कसौली में सहायक नगर नियोजन अधिकारी शैल बाला और लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी गुलाब सिंह को गोली मारने की घटना को लेकर मंडलायुक्त शिमला ने प्रदेश सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सूत्रों के अनुसार यह रिपोर्ट 130 पन्नों की है, जिसे अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह बी.के. अग्रवाल को सौंपा गया है। अब इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सौंपा जाना है, जिसका अध्ययन करने के बाद सरकार आगामी कार्रवाई अमल में लाएगी।


पुलिस की खामियों की तरफ इशारा
रिपोर्ट में गोलीकांड की घटना के लिए सीधे तौर पर पुलिस की खामियों की तरफ इशारा किया गया है। यानि पुलिस की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद अवैध निर्माण को तोडऩे गई टीम को जो सुरक्षा उपलब्ध करवाई जानी चाहिए थी, उसे नहीं करवाया गया। इस कारण सहायक नगर नियोजन अधिकारी शैल बाला की मौके पर ही मौत हो गई तथा घटना में घायल और लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी गुलाब सिंह ने पी.जी.आई. चंडीगढ़ में दम तोड़ दिया। पुलिस की लापरवाही से गोली मारने वाला विजय कुमार मौके से फरार हो गया।


राजस्व विभाग संबंधी कुछ खामियों की तरफ भी इशारा
रिपोर्ट के बाद बंदोबस्त यानि राजस्व विभाग संबंधी कुछ खामियों की तरफ भी ईशारा किया गया है। इस तरह क्षेत्र में अवैध निर्माण के लिए टी.सी.पी. सहित अन्य विभागों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे हैं। मंडलायुक्त ने जांच रिपोर्ट में पुलिस की चूक की तरफ इशारा करते हुए कहा कि शैल बाला पर गोली चलाने के बाद विजय कुमार जिस समय भागा, उसके बाद 2 पुलिस कर्मियों ने उसका पीछा किया। उनमें से एक के पास हथियार था, दूसरे के पास नहीं। विजय कुमार की धमकी के बाद बगैर हथियार वाले पुलिस कर्मी घबरा गए, जिससे उसे मौके से फरार होने का मौका मिला।


एस.पी. व डी.एस.पी. का हो चुका है तबादला
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर स्वयं स्वीकार कर चुके हैं कि गोली मारने की इस घटना में पुलिस के स्तर पर चूक रही है। इसके लिए जो आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए थे, वह नहीं उठाए गए। इसी कारण सरकार द्वारा घटना के बाद एस.पी. सोलन और सुरक्षा का जिम्मा देख रहे डी.एस.पी. को बदला गया है, साथ ही घटनास्थल पर जिन 2 एस.एच.ओ. की ड्यूटी थी, उनको लाइन हाजिर किया गया था।


कई अन्य अधिकारियों पर गिर सकती है गाज
मंडलायुक्त की रिपोर्ट का सरकारी स्तर पर अध्ययन करने के बाद कई अन्य अधिकारी व कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सरकार आगामी कार्रवाई अमल में लाएगी। उल्लेखनीय है कि गोली मारकर हत्या करने के इस मामले का सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं संज्ञान ले लिया था। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट सौंपी थी। अब सरकार मंडलायुक्त की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद इस बार उठाने जाने वाले अन्य मामलों की जानकारी से भी सुप्रीम कोर्ट को अवगत करवाएगी।

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