Edited By Vijay, Updated: 01 Jan, 2021 11:15 PM
राज्य के बागवानों से धोखाधड़ी करने वाले आढ़तियों और लदानियों पर शिकंजा कसने के लिए गठित किए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का खौफ दिखने लगा है। इसके तहत जांच एजैंसी अब तक बागवानों को 14 करोड़ से अधिक की राशि दिलवाने में कामयाब हुई है।
शिमला (राक्टा): राज्य के बागवानों से धोखाधड़ी करने वाले आढ़तियों और लदानियों पर शिकंजा कसने के लिए गठित किए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का खौफ दिखने लगा है। इसके तहत जांच एजैंसी अब तक बागवानों को 14 करोड़ से अधिक की राशि दिलवाने में कामयाब हुई है। इसके साथ ही जो आढ़ती व लदानी पूछताछ के लिए तलब किए जाने के बाद भी एसआईटी के समक्ष पेश नहीं हो रहे हैं, उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। इसको लेकर एसआईटी जल्द ही बाहरी राज्यों में दबिश देने की तैयारियों में है।
30 से अधिक गिरफ्तारियां कर चुकी है एसआईटी
एसआईटी के अनुसार जांच दायरे में आए जो आढ़ती व लदानी बागवानों की राशि का भुगतान नहीं कर रहे हैं, उनकी गिरफ्तारी की जा रही है। इसके साथ ही जिन्होंने राशि को लौटा दिया है, उन्हें दस्तावेज पेश किए जाने का कहा जा रहा है। देखा जाए तो अब तक एसआईटी 30 से अधिक गिरफ्तारियां कर चुकी है। इनमें कुछ गिरफ्तारियां बाहरी राज्यों के साथ-साथ हिमाचल से भी हुई हैं। एसपी वीरेंद्र कालिया ने संपर्क करने पर बताया कि सभी मामलों की जांच जारी है। कई मामलों में रिकवरी भी हो चुकी है।
कोविड के चलते जांच पड़ी धीमी
कोविड महामारी के चलते भी एसआईटी भी प्रभावित हुई है। हालांकि अब जांच ने गति पकड़ ली है और जांच दायरे में चल रहे आरोपियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। अधिकारी बताते हैं कि कोविड के चलते पूछताछ की प्रक्रिया प्रभावित हुई और छानबीन के लिए जांच टीम बाहरी राज्यों का रु ख भी नहीं कर पाई।
पूर्व डीजीपी एसआर मरड़ी ने किया था गठन
एसआईटी को 200 से अधिक शिकायतें मिली हैं, जिसके आधार पर कई आढ़तियों व लदानियोंं के खिलाफ केस भी दर्ज किए र्हैं। गौर हो कि सेब बागवानों से हुई धोखाधड़ी के विभिन्न थानों में दर्ज हुए मामलों के तहत पूर्व डीजीपी एसआर मरड़ी ने एसआईटीका गठन किया था। इसके सार्थक परिणाम भी सामने आए हैं।