Edited By Vijay, Updated: 19 Jun, 2018 04:18 PM
मैदानी इलाकों में मानसून की आहट के चलते ही उसका असर प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर नजर आना शुरू हो गया है। बारिश व मानसून के शुरू होने से ही मैदानी इलाकों में अब लोगों को तेज गर्मी से राहत मिलने शुरू हो गई है।
कुल्लू (मनमिंदर): मैदानी इलाकों में मानसून की आहट के चलते ही उसका असर प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर नजर आना शुरू हो गया है। बारिश व मानसून के शुरू होने से ही मैदानी इलाकों में अब लोगों को तेज गर्मी से राहत मिलने शुरू हो गई है। वहीं कुल्लू जिला में अब सैलानी साहसिक खेलों में अपनी गतिविधियों को दर्ज नहीं करवा रहे हैं, जिसके चलते कुल्लू घाटी पर चल रहे रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग सहित अन्य साहसिक खेलों के कारोबार में मंदी पडऩी शुरू हो गई है। राफ्टिंग कारोबारियों के अनुसार जहां बीते डेढ़ माह से हजारों सैलानी साहसिक गतिविधियों में अपनी भागीदारी दर्ज करवा रहे थे। वहीं अब यह कारोबार मंदा पडऩा शुरू हो गया है।
अन्य पर्यटन स्थलों को भी विकसित करे सरकार
कारोबारियों के अनुसार मैदानी इलाकों में अब जल्द ही मानसून शुरु होने वाला है, जिस कारण सैलानी पहाड़ों का रुख करने से कतराते हैं। कारोबारी सुरेश कुमार, रविंद्र कुमार व रमेश का कहना है कि इस कारोबार से करीब 800 लोग जुड़े हुए हैं लेकिन अब ब्यास नदी में राफ्ट चलना भी कम हो गया है। उनका कहना है कि कुल्लू में रोहतांग व मनाली के अलावा भी सरकार अन्य पर्यटन स्थलों पर रुचि नही दिखा रही है। जिस कारण 2 दिन में ही पर्यटक वापिस अपने घरों की और चले जाते है, ऐसे में सरकार को अन्य पर्यटन स्थलों को भी विकसित करना चाहिए ताकि पर्यटकों को अधिक जगहों पर घूमने का मौका मिल सके और सभी लोगो का कारोबार चल सके।