Edited By Simpy Khanna, Updated: 22 Aug, 2019 10:42 AM
गांव चैतड़ू में खड्ड के किनारे बसे महाराष्ट्र के 40 झुग्गी-झोंपड़ी प्रवासियों पर कभी भी मांझी खड्ड कहर ढा सकती है। बरसात के मौसम में खड्ड के किनारे बसे ये परिवार बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। इससे जानी नुक्सान की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता है।
गग्गल (अनजान): गांव चैतड़ू में खड्ड के किनारे बसे महाराष्ट्र के 40 झुग्गी-झोंपड़ी प्रवासियों पर कभी भी मांझी खड्ड कहर ढा सकती है। बरसात के मौसम में खड्ड के किनारे बसे ये परिवार बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। इससे जानी नुक्सान की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता है। मांझी खड्ड के किनारे बसे इन प्रवासी परिवारों को बुधवार को गग्गल पुलिस थाना के प्रभारी मेहरद्दीन ने अलर्ट करते हुए कहा कि वे खड्ड के किनारे से अपना डेरा बदल कर कहीं अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर चले जाएं या अपने पैतृक राज्य को वापस चले जाएं।
उन्होंने प्रवासियों को बताया कि खड्ड के किनारे रहने से वे कभी भी बरसाती मौसम में खड्ड में आने वाली बाढ़ का शिकार हो सकते हैं। वहीं इस मौके पर उपस्थित प्रवासियों की सहायता कर रही पौंग लैन संस्था की प्रवक्ता राधा शर्मा ने कहा कि संस्था इन प्रवासियों को अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में हरसंभव सहायता करेगी। प्रवासियों के मुखिया बाबू दास ने बताया कि वे इस समस्या के समाधान के लिए शीघ्र ही धर्मशाला में जिलाधीश से मिलेंगे। उन्होंने बताया कि चैतड़ू में मांझी खड्ड के किनारे उनके 200 लोग रहते हैं, जिनमें 75 बच्चे हैं।