रामस्वरूप बोले- BJP किसी को पार्टी से निष्कासित नहीं करती उल्टा लटका के रखती है

Edited By Ekta, Updated: 23 Sep, 2019 04:16 PM

ramswaroop sharma

ऊर्जा मंत्रीपद से इस्तीफा देने के बाद पांच माह बाद फिर बढ़ी सदर के विधायक अनिल शर्मा की सक्रियता और मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में आने के बाद भाजपा ने उन पर ताबरतोड़ हमले शुरू कर दिए हैं। मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद और प्रदेश भाजपा चुनाव प्रभारी...

मंडी (पुरुषोत्तम शर्मा): ऊर्जा मंत्रीपद से इस्तीफा देने के बाद पांच माह बाद फिर बढ़ी सदर के विधायक अनिल शर्मा की सक्रियता और मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में आने के बाद भाजपा ने उन पर ताबरतोड़ हमले शुरू कर दिए हैं। मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद और प्रदेश भाजपा चुनाव प्रभारी रामस्वरूप शर्मा ने यहां जारी प्रैस वार्ता में कहा कि लोकसभा चुनावों में सुखराम परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के खिलाफ जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है वह जगजाहिर है। यह परिवार इतना स्वार्थी है कि बिना सत्ता के कभी रह नहीं सकता। दो बार कांग्रेस और 2 बार भाजपा को धोखा देकर सत्ता का स्वाद इस परिवार ने चखा। जब अनिल शर्मा राजनीति का क,ख,ग तक नहीं जानते थे तो उस समय भाजपा ने इन्हें राज्यसभा में भेजा। 

विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के सब बड़े नेता चुनाव हार गए और अपनी हार सामने देखकर इस परिवार ने ऐसी पलटी मारी कि भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज कर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अनिल शर्मा को मंडी का मान रखते हुए ऊर्जा मंत्री बनाया। उसके बाद भी इस परिवार का पेट नहीं भरा। इस परिवार को केवल अपने परिवार के विकास की चिंता रहती है और आम जनता की उन्हें कोई परवाह नहीं है। लोकसभा चुनाव के 3 महीने बीत जाने के बाद सुखराम परिवार का दिमाग अब ठिकाने आया है। दादा, बेटा और पोते का जब दाल फुलका बंद हुआ तो उन्हें भाजपा की याद सताने लगी है। अब फिर से मुख्यमंत्री के आगे पीछे परिक्रमा करने लगे गए हैं।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 20 माह के अपने कार्यकाल के दौरान जो एतिहासिक कार्य किए उसे देखते हुए अनिल शर्मा को अब मंडी सदर की याद आने लगी है जबकि बेटे को कांग्रेस से टिकट मिलने और उसके बाद उसके लिए चोरी छिपे काम करने में कोई कसर नहीं रखने वाले सदर के विधायक अनिल शर्मा उस वक्त परिवार मोह में सदर की जनता को भूला चुके थे जिन्होंने उन्हें अपनी सेवा के लिए विधायक बनाया था लेकिन विधायक स्वार्थी पिता और महत्वाकांक्षी बेटे के दबाव में जनता का सम्मान करना भूल गए थे। सदर की जनता अब जाग चुकी है। लोकसभा चुनावों में सुखराम परिवार को इनके अपने बूथ में जनता करारा जबाव दे चुकी है जहां उन्हें शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।

तीन माह तक सदर के विधायक ने जनता का हालचाल तक नहीं पूछा और अब जब पैरों तले जमीन खिसक गई तो गालियां निकालने के बाद अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गुणगान करने लगे हैं। ऐसे में मैं पूछना चाहता हूं कि आखिर किस मूंह से सदर के विधायक जनता का हितैषी होने का ड्रामा रख रहे हैं जबकि सच्चाई ये है कि सत्ता से दूर रहकर दाल-फुलका बंद होने से जहां दादा दिल्ली में भाजपा नेताओं के चक्र काट रहे हैं तो वहीं बाप और बेटा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के चरणों में दंडवत है। इस परिवार को समझ लेना चाहिए कि भाजपा किसी को पार्टी से न तो निष्कासित करती है और न ही निकालती है। पार्टी के साथ गद्दारी करने वालों को उल्टा लटकाके रखती है।

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