कमर्शियल गारबेज कलैक्शन रेट व सफाई व्यवस्था पर सदन में हंगामा, पार्षदों ने ऐसे जताया विरोध

Edited By Punjab Kesari, Updated: 29 Mar, 2018 11:02 PM

rampage on commercial garbage collection rate and sanitation arrangement

नगर निगम सदन में 2 महीने पहले कमर्शियल गारबेज कलैक्शन के रेट में बढ़ौतरी को प्रस्ताव पारित किया था लेकिन वीरवार को सदन में पार्षदों के भारी विरोध व हंगामे के बीच बढ़ाई गई कमर्शियल दरों के खिलाफ पार्षदों ने दो-तिहाई बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव सदन में...

शिमला: नगर निगम सदन में 2 महीने पहले कमर्शियल गारबेज कलैक्शन के रेट में बढ़ौतरी को प्रस्ताव पारित किया था लेकिन वीरवार को सदन में पार्षदों के भारी विरोध व हंगामे के बीच बढ़ाई गई कमर्शियल दरों के खिलाफ पार्षदों ने दो-तिहाई बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव सदन में लाया, इससे अब दोबारा से कमर्शियल दरों को रिवाइज किया जाएगा जबकि शहर के घरेलू उपभोक्ताओं को 70 रुपए ही देने होंगे। वीरवार को नगर निगम की मासिक  बैठक पूरी तरह से गारबेज बढ़ौतरी व बिगड़ती सफाई व्यवस्था को लेकर हंगामेदार रही। निगम के कांग्रेसी पार्षदों ने गारबेज बढ़ौतरी का विरोध करते हुए वृद्धि को रद्द करने की मांग को लेकर सदन में प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की, साथ ही विरोध स्वरूप सभी कांग्रेसी पार्षद जमीन पर नीचे बैठे गए। 
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पार्षदों ने किया मेयर, डिप्टी मेयर व आयुक्त का घेराव 
इस दौरान कांगे्रसी पार्षद राकेश चौहान, मीरा शर्मा, तनुजा चौधरी, इंद्रजीत, दिवाकर देव, रीता व अर्चना धवन सहित अन्य पार्षदों ने गारबेज बढ़ौतरी को वापस लेने को लेकर जमकर नारेबाजी करते हुए मेयर कुसुम सदरेट, डिप्टी मेयर राकेश शर्मा व आयुक्त रोहित जम्वाल का घेराव किया। पार्षदों ने कहा कि गारबेज बढ़ौतरी होने से गली-मोहल्ले में पार्षदों का निकलना मुश्किल हो गया है। कमर्शियल उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है, जिससे उपभोक्ता परेशान हैं और पार्षदों का घेराव कर रहे हैं, जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई है, ऐसे में कमर्शियल दरों को रिवाइज करना बेहद आवश्यक है। इस बीच सदन में जमकर हंगामा चलता रहा तो वहीं मेयर बिल्कुल खामोश रहीं। 
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मेयर ने 15 मिनट तक स्थगित किया सदन
मेयर ने स्थिति गंंभीर होते देख सदन को 15 मिनट तक स्थगित कर दिया, वहीं इस बीच भाजपा व कांग्रेसी पार्षदों में तीखी नोकझोंक होती रही। इसके बाद भाजपा व कांगे्रसी पार्षदों ने दो-तिहाई बहुमत लाकर गारबेज दरों में की गई बढ़ौतरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया, जिससे अब कमर्शियल उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत जरूर मिली है। प्रशासन अब रिवाइज्ड दरों को हाऊस में लाएगा, जिसके बाद ही मामले पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। 
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सैहब कर्मचारियों की हड़ताल की चेतावनी से डर रहा प्रशासन
वहीं शहर में बिगड़ी सफाई व्यवस्था पर पार्षदों ने कहा कि शहर में दिन-प्रतिदिन सफाई व्यवस्था बिगड़ती जा रही है लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। वार्डों में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं और आम जनता परेशान हो रही है लेकिन निगम प्रशासन सैहब कर्मचारियों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठा रहा है। प्रशासन सैहब कर्मचारियों की हड़ताल की चेतावनी से डर रहा है, जिसका फायदा ये कर्मचारी उठा रहे हैं, ऐसे में इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए। 
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पानी के निजीकरण पर पार्षद का वॉकआऊट
माकपा की पार्षद शैली शर्मा ने सदन में सप्लीमैंट्ररी एजैंडा देने पर कड़ा विरोध जताया। शैली का कहना था कि निगम जो गंभीर मसले होते हैं, उन्हें सदन में ही पार्षदों के समक्ष पेश करता है। बीते हाऊस में पानी को लेकर कंपनी बनाने के प्रस्ताव को पारित किया गया है, जो बिल्कुल गलत है। सदन में पानी के निजीकरण को लेकर माकपा की पार्षद शैली शर्मा ने कड़ा विरोध दर्ज करवाया लेकिन सदन में उनकी सुनवाई नहीं होने से पार्षद ने सदन से वॉकआऊट कर विरोध जताया। शैली ने कहा कि सदन में उनके मामले पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्हें बोलने तक नहीं दिया जा रहा है तथा मेयर व डिप्टी मेयर तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं। 
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जल्द ही शुरू होगी मीटर रीडिंग व्यवस्था : आयुक्त
पार्षदों ने सदन में पानी के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। पार्षदों दिवाकर, मीरा, अर्चना, राकेश व शैलेंद्र सहित अन्य पार्षदों ने कहा कि वार्डों में चौथे और 5वें दिन पानी की सप्लाई मिल रही है, जिससे जनता परेशान है जबकि नगर निगम उपभोक्ताओं को पूरे 30 दिनों का बिल थमा रहा है। आयुक्त रोहित जम्वाल ने कहा कि शहर में 23,000 वाटर मीटर स्थापित किए जा चुके हैं, प्रशासन जल्द ही मीटर रीडिंग के तहत बिल जारी करेगा। कुछेक वार्डों में रीडर्ज ने रीडिंग लेने का काम शुरू कर दिया है। प्रशासन जल्द ही रीङ्क्षडग प्रक्रिया के तहत बिल जैनरेट करने की प्रक्रिया शुरू कर देगा।   
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बिल को लेकर आपस में उलझे डिप्टी मेयर व पार्षद
कसुम्पटी के पार्षद राकेश चौहान ने सदन की कार्रवाई शुरू होते ही बसंत विहार कालोनी में लाखों रुपए का पानी फ्री में पिलाने के मामले पर अब तक प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई पर जवाब मांगा। इस पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। पार्षद ने कहा कि निगम प्रशासन इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है, ऐसे में मामले पर डिप्टी मेयर ने कहा कि सोसायटी को 26 लाख रुपए का बिल दिया गया है, जिसमें से 2013 तक का बिल सोसायटी द्वारा दिया गया है, ऐसे में अब केवल 24 लाख रुपए सोसायटी से वसूल किए जाने हैं। इस पर पार्षद ने कहा कि प्रशासन सोसायटी को फायदा पहुंचाना चाह रहा है। इस पर डिप्टी मेयर व पार्षद में जमकर तू-तू मैं-मैं हुई। मामला इतना गंभीर हो गया है कि डिप्टी मेयर व पार्षद एक-दूसरे पर व्यक्तिगत आरोप लगाने लगे, जिससे माहौल काफी गर्माया रहा। इस दौरान अन्य पार्षदों ने बीच बचाव करते हुए मामले को शांत करवाया। निगम अभियंता विजय गुप्ता ने बताया कि सोसायटी को 24 लाख रुपए के बिल के भुगतान करने को लेकर नोटिस जारी कर दिया गया है। 10 अप्रैल तक सोसायटी को बिल का भुगतान करना होगा। 
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बंदरों को पकडऩे मथुरा से आएगी टीम
कुत्तों व बंदरों की समस्या को लेकर भी सदन गर्माया रहा। जाखू की पार्षद अर्चना धवन, दिवाकर देव, विदुषी शर्मा, मीरा शर्मा व शैलेंद्र सहित अन्य पार्षदों ने कहा कि कुत्तों व बंदरों के काटने के मामले रोजाना शहर में बढ़ रहे हैं लेकिन नगर निगम प्रशासन इस समस्या को अब तक सुलझा नहीं पाया है। इस मामले पर डी.एफ.ओ. शहरी इंद्र कुमार ने बताया कि बंदरों को पकडऩे के लिए जल्द ही मथुरा से एक टीम शिमला आ रही है, जो वार्ड स्तर पर जहां-जहां पर बंदर होंगे, उन्हें पकड़ कर टूटीकंडी में एक शैड बनाया गया है वहां पर उन्हें रखेगी और उसके बाद इनकी नसबंदी की जाएगी। पार्षदों ने मामले पर स्थायी समाधान की मांग प्रशासन से की है।
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गोलमाल करने वाले कर्मचारियों पर एफ.आई.आर. करेगा निगम
नगर निगम की डोर टू डोर गारबेज कलैक्शन फीस में गोलमाल करने वाले सुपरवाइजरों के खिलाफ पार्षदों ने कड़ी कार्रवाई अमल में लाने की मांग की है। आयुक्त ने बताया कि कुछेक वार्डों की डिटेल आ गई है जबकि कुछेक की आनी शेष है। जैसे ही पूरी जानकारी निगम के पास आएगी और जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 


अब मशीन से जारी होगा गारबेज कलैक्शन का बिल
गारबेज फीस वसूली में किसी भी तरह कोई गोलमाल न हो, इसके लिए नगर निगम जल्द ही डोर टू डोर गारबेज शुल्क की रसीद अब मशीन से देगा। यानी अब हाथ से लिखी हुई पर्ची उपभोक्ताओं को नहीं दी जाएगी। अब मशीन में वार्ड वाइज हाऊस होल्डर का डाटा होगा। घरेलू व कमॢशयल उपभोक्ताओं के रेट अलग-अलग होंगे। जैसे ही सुपरवाइजर उपभोक्ता का नाम मशीन में डालेगा, वैसे ही उपभोक्ता की पूरी जानकारी सामने आ जाएगी और सुपरवाइजर वही रसीद काट सकेंगे जिसकी कमांड मशीन देगी। इससे गाबरेज कलैक्शन फीस में किसी भी तरह का कोई घोटाला नहीं होगा।


राजस्व रिकार्ड को तैनात होंगे रिटायर्ड पटवारी व कानूनगो
नगर निगम अपना राजस्व लैंड रिकार्ड तैयार करने के लिए सेवानिवृत्त पटवारी व कानूनगो की तैनाती करेगा। प्रशासन का कहना है कि निगम के पास स्वयं की संपत्तियों की कोई जानकारी नहीं है, ऐसे में पटवारी व कानूनगो से राजस्व रिकार्ड तैयार करवाया जाएगा जिसे सदन ने मंजूरी प्रदान की है।

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