रामदेव जमीन मामले पर अामने-सामने हुए CM जयराम और नेता प्रतिपक्ष

Edited By kirti, Updated: 22 Nov, 2018 05:37 PM

ramdev jairam and leader of opposition on land issue

हिमाचल प्रदेश की जयराम सरकार द्वारा योग गुरु बाबा रामदेव ने सोलन जिले के साधुपुल में लीज पर जमीन देने पर सियासत गर्म गई है। बताया जा रहा है कि पिछले कई वर्षों से साधूपुल में रामदेव लीज पर जमीन देने के लिए सरकार से आग्रह कर रहे थे। लेकिन पूर्व की...

शिमला(राजीव): हिमाचल प्रदेश की जयराम सरकार द्वारा योग गुरु बाबा रामदेव ने सोलन जिले के साधुपुल में लीज पर जमीन देने पर सियासत गर्म गई है। बताया जा रहा है कि पिछले कई वर्षों से साधूपुल में रामदेव लीज पर जमीन देने के लिए सरकार से आग्रह कर रहे थे। लेकिन पूर्व की कांग्रेस सरकार में उन्हें लीज पर जमीन नहीं दी गई और पूर्व की बीजेपी सरकार द्वारा भूमि 17,31,214 रुपए की अदायगी के पश्चात 99 साल की लीज पर 2 फरवरी 2010 को दी थी। लेकिन कांग्रेस सरकार ने लीज रद्द कर दी थी। हालांकि 2015 में उन्हें जमीन देने के लिए सरकार राजी भी हो गई थी लेकिन उन्हें जमीन दे नहीं पाई थी। वहीं भाजपा सरकार ने रामदेव पर मेहरबानी दिखाते हुए 93 बीघा जमीन दो करोड़ 39 लाख 4,720 रुपए में लीज पर दे दी है।

विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना

जिसके बाद विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अारोप लगाया है कि 12 करोड़ से अधिक के मार्केट रेट के स्थान पर सरकार ने दो करोड़ 39 लाख में ही ये जमीन उन्हें लीज पर दे दी है।  नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश सरकार द्वारा  रामदेव को रियायतें लौटाने पर एतराज जताते हुए कहा कि वह अब शुद्ध व्यापारी हैं और वर्तमान में वह अरबों रुपए का कारोबार कर रहे हैं। ऐसे में उन पर प्रदेश सरकार द्वारा करोड़ों रुपए की रियायतें लौटाना किसी भी तरह वाजिब नहीं है।

सरकार ऐसे फैसलों से राजकोष को चूना लगा रही

उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव अब खुले बाजार के धनासेठों की श्रेणी में आते हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार ने राजकोष में करोडों रुपए की चपत लगाने का जो कारनामा पतंजलि योग पीठ को विशेष श्रेणी में रखकर किया है वह सरासर नाजायज है। क्योंकि वह किसी भी तरह विशेष श्रेणी के पात्र नहीं है। उन्होंने हैरत जताई कि अरबों रुपए के कारोबार करने वाले भी सरकार की विशेष श्रेणी की रियायतों को हासिल करने में कामयाब हो रहें हैं। उन्होंने कहा कि यदि बाबा रामदेव को प्रतिवर्ष 99 साल की लीज दी जाती तो 100 करोड़ रुपए से अधिक की आय राज्य को होनी थी और अगर एकमुश्त राशि का प्रावधान भी होता तो भी छूट देना वाजिब नहीं था। लेकिन रामदेव ने प्रदेश सरकार की ताकत के बुत्ते इस सम्पत्ति को 2,40 करोड़ में अपनी पहुंच का फायदा लेकर निपटा लिया। उन्होंने यह भी कहा कि जहां एक तरफ सरकार ऐसे फैसलों से राजकोष को चूना लगा रही है।

जयराम ठाकुर ने कहा

उधर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा की कांग्रेस सरकार ने पहले खुद लीज रद्द की और उसके बाद खुद ही दोबारा देने के लिए भी मान गई लेकिन दी नही। उन्होंने कहा की रामदेव को मुुफत में जमीन नहीं दी गई बल्कि कानून के तहत उन्हें जमीन दी गई और लीज का जितना पैसा बनता था वो भी लियाऔर नियमो का पालन भी किया गया है।

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