Edited By kirti, Updated: 22 Oct, 2018 10:10 AM
बर्फ के दीदार करने को रोहतांग जा रहे हजारों सैलानियों की सुरक्षा का जिम्मा रामभरोसे ही है। हर साल सैलानी इस मार्ग पर दुर्घटना का शिकार होते रहे हैं। स्थानीय लोग इन पर्यटकों के लिए फरिश्ते से कम नहीं हैं। हर बार यही लोग इन पर्यटकों की प्राथमिकी मदद...
मनाली : बर्फ के दीदार करने को रोहतांग जा रहे हजारों सैलानियों की सुरक्षा का जिम्मा रामभरोसे ही है। हर साल सैलानी इस मार्ग पर दुर्घटना का शिकार होते रहे हैं। स्थानीय लोग इन पर्यटकों के लिए फरिश्ते से कम नहीं हैं। हर बार यही लोग इन पर्यटकों की प्राथमिकी मदद करते हैं। सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर गुलाबा में बैरियर स्थापित तो कर दिया है लेकिन वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने व प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। हमेशा यह देखा गया है कि रोहतांग में दुर्घटना होने की स्थिति में रैस्क्यू कार्य के लिए मनाली से ही रैस्क्यू टीम रवाना होती है। मौके पर पहुंचते-पहुंचते कई बार देर भी हो जाती है और समय पर राहत न मिलने के कारण मौत का आंकड़ा भी बढ़ जाता है, ऐसे समय में स्थानीय लोग ही फरिश्ते बनकर आगे आते रहे हैं। रविवार को भी जब पर्यटक वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ तो पैराग्लाइङ्क्षडग यूनियन के सदस्यों और कोठी के युवाओं ने स्वयं मोर्चा संभाला। पुलिस के आने तक इन युवाओं ने घायलों को न केवल सड़क तक पहुंचाया बल्कि अपने वाहनों में मनाली अस्पताल भी पहुंचाया।
मढ़ी व गुलाबा में हो एम्बुलैंस वआधुनिक उपकरणों संग रैस्क्यू टीम की तैनाती
पर्यटन व्यवसायी संदीप, रोशन, विक्रम, दोरजे और दावा का कहना है कि रोहतांग में होने वाली प्राकृतिक आपदा और वाहन दुर्घटना को देखते हुए प्रशासन को गुलाबा या मढ़ी में रैस्क्यू टीम स्थायी तौर पर तैनात करनी चाहिए। इन व्यवसायियों का कहना है कि रोहतांग की दूरी मनाली से 50 किलोमीटर है। सीजन के दौरान ट्रैफिक जाम भी रैस्क्यू टीम की राह में बाधा बनता है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए प्रशासन को मढ़ी व गुलाबा में ही एम्बुलैंस व आधुनिक उपकरणों संग रैस्क्यू टीम को तैनात करना चाहिए। वन, परिवहन एवं खेल मंत्री गोविंद ठाकुर ने बताया कि रोहतांग दर्रे में दूरसंचार व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार सैलानियों को सुरक्षा प्रदान करने को गंभीर है। खामियों व कमियों को दूर कर व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जाएगा।