Edited By Vijay, Updated: 02 Aug, 2019 06:19 PM
देश में श्रम कानूनों में फेरबदल के बिल के विरोध में मजदूर संगठनों ने शुक्रवार को मंडी शहर में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान विभिन्न मजदूर यूनियनों ने मंडी शहर में सीटू के बैनर तले रैली निकाली और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
मंडी (नीरज): देश में श्रम कानूनों में फेरबदल के बिल के विरोध में मजदूर संगठनों ने शुक्रवार को मंडी शहर में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान विभिन्न मजदूर यूनियनों ने मंडी शहर में सीटू के बैनर तले रैली निकाली और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सीटू ने ए.डी.सी. मंडी आशुतोष गर्ग के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा और श्रम कानून में फेरबदल न करने की मांग की।
सीटू के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने केंद्र्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मजदूरों के हकों की हिफाजत करने वाले श्रम कानूनों में बदलाव कर बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने श्रम कानून के नए प्रस्ताव को श्रमिकों के लिए काला कानून बताया। उन्होंने बताया कि नए प्रस्ताव के तहत 300 से कम मजदूरों वाली कंपनी को ही छंटनी का अधिकार दिया गया है जो पहले सरकार की देखरेख में था।
सीटू का मानना है कि नए प्रस्ताव के तहत रोजगार की गारंटी को भी समाप्त किया जा रहा है, जिसका प्रभाव देश के साथ-साथ प्रदेश के लाखों मजदूरों पर पड़ेगा। नए श्रम कानून के बिल में मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा के प्रावधान में भी बदलाव का प्रावधान है जोकि मजदूरों के पक्ष में नहीं है। कंपनियों को अधिकार अधिक दिए जा रहे हैं जोकि सही नहीं है। इसका 10 मजदूर यूनियनें विरोध कर रही हंै। सीटू ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि मजदूरों के हकों के प्रावधानों को श्रम कानूनों से खत्म न किया जाए। सीटू ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि ऐसा किया जाता है तो आने वाले समय में आंदोलन को तेज किया जाएगा।