Edited By Simpy Khanna, Updated: 24 Dec, 2019 04:28 PM
झारखंड में भाजपा की नैया डूबने पर सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने चुटकी लेते हुए कहा है कि भाजपा के अहंकार, घमंड व पाप का घड़ा भरने लगा है।जुमलेबाजों को जनता भी समझ रही है और उन्हें सबक सिखाने के पूरे मूड़ में है, क्योंकि झूठ के पांव नहीं...
हमीरपुर : झारखंड में भाजपा की नैया डूबने पर सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने चुटकी लेते हुए कहा है कि भाजपा के अहंकार, घमंड व पाप का घड़ा भरने लगा है।जुमलेबाजों को जनता भी समझ रही है और उन्हें सबक सिखाने के पूरे मूड़ में है, क्योंकि झूठ के पांव नहीं होते।जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि जनता इस सरकार से तंग आ चुकी है, क्योंकि केंद्र व राज्यों की भाजपा सरकारें बातें तो बड़ी-बड़ी करती हैं लेकिन काम कोई नहीं करती है। सरकार को समझ लेना चाहिए कि प्रजातंत्र में जनता सर्वोपरि होती है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने एक ही फार्मूला रखा है कि पहले चिकनी-चुपड़ी बातें कर सत्ता हथियाई जाए और सत्ता में आने के बाद जनता को सताने के हथकंडे अपनाती है और दूसरी पार्टी के नेताओं पर केस दर्ज कर उन्हें सताया जाता है।अब तो जनता को आपस में फूट डालकर शासन करने की ब्रिटिश हुकूमत की नीति भी अपनाई जा रही है।उन्होंने कहा कि समय बदल रहा है और भाजपा के बुरे दिन शुरू हो गए है, उसी का नतीजा है कि राज्यों से उनकी सत्ता धीरे-धीरे खिसकने लगी है।
कंवर से सवाल : क्या मंत्री तय करेंगे विधायकों का कद
पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर द्वारा की गई टिप्पणी पर विधायक राजेंद्र राणा ने जबावी हमला बोलते हुए कहा है कि जो अपनी सरकार में काम न होने का रोना रो चुके हैं, क्या ऐसे मंत्री तय करेंगे कि किस विधायक का कद बड़ा है और किसका छोटा है ? उन्होंने कहा कि जनहित के मुद्दों व देश के ज्वलंत मसलों को लेकर लगातार आवाज उठा रहे हैं तो उससे भाजपा के नेताओं का पसीना क्यों छूट रहा है। उन्होंने कहा कि मंत्री पद मिलने से ही किसी का कद नहीं नापा जाता है, बल्कि जनता के काम करने व मुद्दों को उठाना भी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि पब्लिक रिलेशन के लिए आदमी रखा है तो मंत्री परेशान क्यों हैं।उन्होंने कहा कि अगर रखा भी होगा तो सरकार से पैसे नहीं लिए जा रहे हैं जबकि अपनी ब्राडिंग के लिए केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकारें जनता के करोड़ों रूपए को पानी की तरह बहा रही है जिससे उन्हें बचना चाहिए। इन्वेस्टर मीट के आयोजन में अपना प्रचार-प्रसार करने में सरकार ने एक एजेंसी हायर कर करोड़ों रूपए खर्च कर दिए।उन्होंने कहा कि दूसरों पर टिप्पणी करने से पहले मंत्री अपनी सरकार के गिरेबान में जरूर झांक लें, जोकि 2 साल में असफलताओं की झड़ी लेकर आई है।