’कांग्रेस के खिलाफ बोलने से पहले बीजेपी नेता बताएं, किस कारण से बना था 376 व 377 का मामला’

Edited By Vijay, Updated: 21 Feb, 2021 08:09 PM

rajender zar and deepak sharma target on bjp

जिन लोगों की घर-गांव तक में कोई पूछ-पहचान नहीं है, ऐसे जाहिल व हल्की सोच रखने वाले नेता अब कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी करके अपनी खत्म हो चुकी नेतागिरी को चमकाना चाह रहे हैं। यह बात जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजेंद्र जार एवं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता दीपक...

हमीरपुर (ब्यूरो): जिन लोगों की घर-गांव तक में कोई पूछ-पहचान नहीं है, ऐसे जाहिल व हल्की सोच रखने वाले नेता अब कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी करके अपनी खत्म हो चुकी नेतागिरी को चमकाना चाह रहे हैं। यह बात जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजेंद्र जार एवं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता दीपक शर्मा ने यहां जारी प्रैस बयान में कही है। उन्होंने कहा कि जो लोग सत्ता के दम पर क्षेत्र की जनता को आतंकित करते रहे हैं। जिनके राज में कर्मचारी व अधिकारी लगातार प्रताडि़त व अपमानित होते रहे हैं। वह लोग अब सुजानपुर में बीजेपी की पैरवी करने लगे हैं। राजेंद्र जार ने कहा कि बीजेपी के नेता ने अगर विधायक राजेंद्र राणा को मदारी कहा है तो कांग्रेस उनकी बात का समर्थन करती है क्योंकि वर्तमान में समूची सुजानपुर बीजेपी राजेंद्र राणा के इशारों पर नाच रही है। ऐसे में बीजेपी के लिए तो राणा मदारी हो सकते हैं लेकिन कांग्रेस शानदार उनके शानदार व जानदार नेतृत्व क्षमता का स्वागत व समर्थन करती है।

उन्होंने कहा कि मंदिर हो या जंगल, शराब हो या शबाब ऐसे बाहुबली नेताओं के कारनामों को अभी तक बड़सर की जनता भूली नहीं है। सत्ता में रहते हुए इन बाहुबली नेताओं ने जिला में तबादला उद्योग स्थापित कर जिस कदर कर्मचारियों व अधिकारियों को लूटा है उसकी पीड़ा अभी तक कर्मचारी व अधिकारी भूले नहीं हैं। कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने कहा कि ऐसे नेताओं के कारण जहां उनके क्षेत्र की जनता व उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पिछले विधानसभा चुनावों में बाहर का रास्ता दिखाया है। जबकि सुजानपुर में भी ऐसे नेताओं की दादागिरी व इनके कारनामों के कारण बीजेपी को सत्ता से बाहर होना पड़ा है। क्योंकि इनके धौंस-दबाव के आंतक से क्षेत्र का हर आदमी तंग आ चुका था।

जिस तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग अब यह नेता अपनी खत्म हो चुकी राजनीति को चमकाने में कर रहे हैं उससे इनकी अनपढ़ता व गुंडागर्दी के आचरण का सबूत जनता को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े हर व्यक्ति के विकास के लिए प्रयासरत व संघर्षरत है जबकि ऐसे नेताओं ने तो समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों को भी नहीं बख्शा है। कांग्रेस नेताओं पर उंगली उठाने से पहले यह नेता अपने क्षेत्र के लोगों को बताएं  कि इनके ऊपर धारा 376 व 377 का मामला क्यों और किस कारण से बना था जिसको लोग अभी भूले नहीं हैं। बीजेपी की पैरवी व कांग्रेस के खिलाफ अंट-शंट बयानबाजी करने से पहले वह प्रदेश की जनता को स्पष्ट करें कि उनके ऊपर यह अपराधिक धाराएं उन्हीं की पार्टी की महिला कार्यकर्ता ने किस कारनामे को लेकर लगाई थी। उन्होंने कहा कि सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा सेवा साधना व कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास रखते हैं। जिसके चलते न किसी का धर्म पूछा जाता है, न जाति पूछी जाती है, वह पूर्व सैनिक हों या महंगाई से दबे लाचार गरीब बीमार हों या बेरोजगार हों या फिर बीजेपी द्वारा आहत और प्रताड़ित बीजेपी के ही लोग हों।

राणा बिना किसी भेदभाव के जनता की सेवा में निरंतर जुटे रहते हैं। जिस कारण से उन्हें सुजानपुर की जनता ने प्रचंड जनादेश दिया है व बीजेपी को घर का रास्ता दिखाया है। उक्त दोनों नेताओं ने कहा कि दरअसल में सुजानपुर की जनता ने बीजेपी को बाहर का रास्ता दिखाकर कोई गलती नहीं की है न ही सुजानपुर की जनता को किसी बात का पछतावा है बल्कि धौंस-दबाव की राजनीति से निजात पा कर अब वह सुख की सांस ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने का सुजानपुर की जनता को कोई मलाल नहीं है बल्कि वह अपने जनादेश की ताकत पर गर्व कर रहे हैं। मलाल और पछतावा अगर किसी को है तो वह बीजेपी की सत्ता के इर्द-गिर्द घूमते बाहुबली नेताओं को है या बीजेपी के नाम पर चमच्चागिरी कर रहे उन लोगों को है जो सत्ता के धौंस-दबाव में सिस्टम को हाईजैक करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनावों में जनता फिर से तय करेगी कि किसको शिकारी बनाना है और किसको मदारी बनाना है। कांग्रेस प्रवक्ता दीपक शर्मा ने कहा है कि जिन लोगों का लूटतंत्र सत्ता के धौंस-दबाव में चलता था। अब सिर्फ उनको सत्ता छिन जाने का मलाल है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की छवि को भी अनाप-शनाप बकवास करके धूमिल कर रहे हैं। दीपक शर्मा ने कहा कि इनके अपने क्षेत्र में इनको कोई पूछ नहीं रहा है। इसलिए ऐसे लोग बौखला चुके हैं। क्योंकि इनके अपने क्षेत्र में बीजेपी के कार्यकर्ता इनसे नाराज नहीं हैं बल्कि नफरत करते हैं। जिस कारण से पिछले विधानसभा चुनावों में इनको घर का रास्ता दिखाया गया है। अब यह संगठन के नाम पर अपनी खत्म हो चुकी राजनीति को जिंदा करने का प्रयास कर रहे हैं।

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