Edited By Vijay, Updated: 19 Sep, 2019 05:45 PM
सीवर नालों की हाथ से सफाई के दौरान लोगों की मौत होने के मामले में देश की शीर्ष अदालत द्वारा केंद्र सरकार को फटकार लगाए जाने के बाद सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने भी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपने प्रचार-प्रसार पर करोड़ों...
हमीरपुर: सीवर नालों की हाथ से सफाई के दौरान लोगों की मौत होने के मामले में देश की शीर्ष अदालत द्वारा केंद्र सरकार को फटकार लगाए जाने के बाद सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने भी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपने प्रचार-प्रसार पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है लेकिन लोगों की जिंदगी से कोई सरोकार नहीं रख रही है। सरकार ने मैला ढोने वालों के पुर्नवास के लिए आबंटित किए जाने वाले बजट में भी कटौती कर दी है। वर्ष 2013-14 में इस वर्ग के लिए 570 करोड़ रुपए अबंंटित किए गए थे लेकिन अपनी ब्रांडिंग में मस्त सरकार ने 2 साल पहले इस पर भी कैंची चलाते हुए 5 करोड़ तक ही समेट दिया।
पूर्व यूपीए सरकार ने 10 साल के कार्यकाल में भी खर्च नहीं किया इतना पैसा
जारी पै्रस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि सरकार ने वर्ष 2014 से लेकर अब तक अपनी ब्रांडिंग करने में ही सवा 5 साल में 5,000 करोड़ से ज्यादा खर्च कर दिए हैं जबकि यह राशि गरीबों के उत्थान व नई स्कीमों पर खर्च की जानी चाहिए थी क्योंकि यह राशि जनता की ही है। जनता के पैसे का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इतनी अधिक राशि को पूर्व यूपीए सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल में भी खर्च नहीं किया।
योजनाओं की बजाय चमकाई जा रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इमेज
उन्होंने कहा कि प्रचार-प्रसार में भी योजनाओं की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इमेज को चमकाया जा रहा है। जो स्कीमें बताई भी जा रही हैं, वो भी केवल प्रचार-प्रसार करने तक ही बनाई जा रही हैं तथा बाद में फंड न होने का बहाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने पहले कार्यकाल से लेकर अब तक गलत नीतियां लागू करने के साथ गलत फैसले ही लेते आई है, जिस कारण देश की अर्थव्यवस्था बड़े स्तर पर पटरी से उतर चुकी है।
सरकार को नहीं देश के विकास व जनता की चिंता
उन्होंने कहा कि जिस सरकार को गरीब वर्ग से भी कुछ लेना-देना नहीं है वो दूसरे वर्गों के बारे कितनी फिक्रमंद हो सकती है। उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह पहली सरकार है, जिसे देश के विकास व जनता की चिंता नहीं है तथा अपनी व्यक्तिगत छवि प्रचार-प्रसार के माध्यम से सुधारने में ही मस्त हो गई है।