Edited By Punjab Kesari, Updated: 19 Jan, 2018 04:18 PM
हिमाचल सरकार को पिछले साढ़े 3 महीने से बारिश और बर्फबारी न होने के चलते चिंता सताने लगी है। हिमाचल में जहां सूखे से निपटने के लिए सरकार गर्मियों में प्लान तैयार करती थी वहीं अब जनवरी में ही उनको इससे निपटने के लिए कमर कसनी पड़ी है।
शिमला (राजीव): हिमाचल सरकार को पिछले साढ़े 3 महीने से बारिश और बर्फबारी न होने के चलते चिंता सताने लगी है। हिमाचल में जहां सूखे से निपटने के लिए सरकार गर्मियों में प्लान तैयार करती थी वहीं अब जनवरी में ही उनको इससे निपटने के लिए कमर कसनी पड़ी है। जयराम सरकार ने अधिकारियों के साथ बैठक कर सूखे से निपटने के निर्देश भी जारी किए हैं। उन्होंने इस स्थिति से निपटने के लिए आपात योजना बनाने को कहा है। यही नहीं पानी की कमी वाले क्षेत्रों के पानी के टैंकों और पशुओं के चारे के लिए आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने बताया कि हिमाचल में सीजन के बाद से 49 फीसदी कम बारिश हुई है। किसानों की 50 फीसदी फसलें मुरझा गई हैं। प्रदेश में 23 से 24 जनवरी, 2018 के दौरान सामान्य बारिश के होने के आसार पाए गए हैं। बारिश न होने से जमीन में नमी के स्तर में कमी आना शुरू हो गई है, जिसके चलते फसलें सूखने की कगार पर पहुंच गई है। प्रधान सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन ओंकार शर्मा ने सभी जिलों के उपायुक्तों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सूखे का फीर्ल्ड सर्वे करवा आकस्मिक योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि आईपीएच विभाग के पास प्रदेश में 45 पेयजल आपूर्ति परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं, जहां नियमित परीक्षण किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में सूखे पर नजर रखी जा रही है और समय-समय पर रिपोर्ट भी मांगी गई है। यही नहीं बारिश-बर्फबारी न होने से बीमारियों का खतरा भी पैदा हो गया है। पानी दूषित होने लगा है और प्रदेश में पीलिया भी फैल रहा है।