Edited By kirti, Updated: 13 Sep, 2018 01:22 PM
कांगड़ा घाटी रेल सेवा का पठानकोट से कांगड़ा तक का रेलवे ट्रैक काफी सीमा तक समतल व व्यवधान रहित है। अपवाद के तौर पर नगरोटा सूरियां से कांगड़ा के मध्य कोपड़लाहड़ क्षेत्र में रेलवे ट्रैक तथा तलाड़ा के पास बरसात में मलबा पटड़ी पर गिरने से बाधित हो जाता...
नूरपुर :कांगड़ा घाटी रेल सेवा का पठानकोट से कांगड़ा तक का रेलवे ट्रैक काफी सीमा तक समतल व व्यवधान रहित है। अपवाद के तौर पर नगरोटा सूरियां से कांगड़ा के मध्य कोपड़लाहड़ क्षेत्र में रेलवे ट्रैक तथा तलाड़ा के पास बरसात में मलबा पटड़ी पर गिरने से बाधित हो जाता है। मलबा हटाने के उपरांत रेल सेवा बहाल हो जाती है लेकिन इस बार रेलवे ने यातायात बहाल करने की बजाय इसे पूरी तरह से बंद कर दिया है। यहां तक कि पहले की भांति जारी व्यवस्था यानी पठानकोट से रानीताल या नगरोटा सूरियां तक के समतल ट्रैक पर भी रेल सेवा बहाल न रखकर इस ट्रैक को सूना बना दिया है।
नतीजतन जब से बरसात का सीजन शुरू हुआ है कांगड़ा घाटी रेल सेवा पर विराम लग गया है। भारतीय किसान यूनियन की जिला कांगड़ा यूनिट के अध्यक्ष कै. सुरेश पठानिया, नगरोटा सूरियां खंड भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष भीखम पगडोत्रा, मार्कीट वैल्फेयर कमेटी जसूर के अध्यक्ष डा. चंद्र व व्यापार मंडल जसूर के कार्यकारी अध्यक्ष राजीव राजू का कहना है कि रेलवे का इस तरह का रवैया अनुचित व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए अन्यायपूर्ण है। इन पदाधिकारियों ने कहा कि सांसद शांता कुमार को रेलवे विभाग की इस रवैये की बात रेलवे मंत्री से उठानी चाहिए जबकि बरसात का दौर काफी हद तक थम चुका है, रेल सेवा बहाल किए जाने के प्रयास कर जनता को राहत दिलानी चाहिए।