Edited By Ekta, Updated: 12 Oct, 2018 04:18 PM
प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना करते हुए उपमंडल मुख्यालय में एस.डी.एम. घुमारवीं शशि पाल शर्मा की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। बताते चलें कि प्रदेश उच्च न्यायालय ने 7 जुलाई, 2017 को स्वयं लिए गए संज्ञान बनाम सरकार...
घुमारवीं (कुलवंत): प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना करते हुए उपमंडल मुख्यालय में एस.डी.एम. घुमारवीं शशि पाल शर्मा की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। बताते चलें कि प्रदेश उच्च न्यायालय ने 7 जुलाई, 2017 को स्वयं लिए गए संज्ञान बनाम सरकार हिमाचल प्रदेश मामले के तहत प्रदेश में बढ़ रहे नशाखोरी को लेकर एक ऐतिहासिक निर्णय पारित किया था। इसकी समीक्षा बैठक आज आयोजित की गई। बैठक में डी.एस.पी. घुमारवीं राजेंद्र कुमार जसवाल, खंड चिकित्सा अधिकारी कमल किशोर शर्मा, तहसीलदार घुमारवीं, आबकारी एवं कराधान अधिकारी तथा सभी शिक्षण संस्थानों के अधिकारियों ने भाग लिया। एस.डी.एम. शशि पाल शर्मा ने बताया कि आजकल शिक्षण संस्थानों में बच्चों द्वारा किए जाने वाले नशे के कई मामले सामने आ रहे हैं। यह एक गंभीर मामला है।
उन्होंने कहा कि नशे के सौदागर युवा पीढ़ी को नशे की गर्त में भेजने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, ताकि हमारा समाज नशाखोरी से बर्बाद हो सके। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस प्रकार के मामलों में कड़ा संज्ञान लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सभी निजी व सरकारी शिक्षण संस्थानों में एंटी ड्रग कमेटी का गठन करें। उन्होंने कहा कि एंटी ड्रग कमेटी का सर्वप्रथम कार्य यह होगा कि शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को जागरूक किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सभी शिक्षण संस्थान प्रत्येक माह के अंत में अपनी-अपनी रिपोर्ट तैयार करके उनके कार्यालय को प्रेषित करें।
एस.डी.एम. ने बताया कि हर सप्ताह में दवा निरीक्षक, उपमंडल पुलिस अधिकारी, खंड चिकित्सा अधिकारी तथा आबकारी एवं कराधान अधिकारी सभी निजी व सरकारी शिक्षण संस्थानों के नजदीक की दुकानों, मैडीकल स्टोरों तथा अन्य सभी संभावित स्थानों पर छापेमारी करेंगे। इस छापेमारी के दौरान यदि कोई मामला पाया जाता है तो इस धंधे में संलिप्त दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाएं। उन्होंने तहसीलदार स्तर पर भी एक एंटी ड्रग कमेटी गठित करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह कमेटी कहीं भी औचक छापेमारी कर सकती है और इस छापेमारी के दौरान यदि कोई व्यक्ति नशा बेचने का धंधा करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कमेटी कानूनी कार्रवाई अमल में ला सकती है। उन्होंने कहा कि बच्चों को नशे से मुक्त रखने के लिए अभिभावकों का अहम योगदान हो सकता है।