Edited By Ekta, Updated: 09 Jan, 2019 11:30 AM
प्रदेश सरकार के जनमंच कार्यक्रमों पर भी सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन नरेश चौहान ने इसे गलत परंपरा बताया। कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकार वार्ता में चौहान ने कहा कि इन कार्यक्रमों में अधिकारियों को डांटा जा रहा है और...
शिमला (राक्टा): प्रदेश सरकार के जनमंच कार्यक्रमों पर भी सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन नरेश चौहान ने इसे गलत परंपरा बताया। कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकार वार्ता में चौहान ने कहा कि इन कार्यक्रमों में अधिकारियों को डांटा जा रहा है और सरकारी धन बहाया जा रहा है। इन कार्यक्रमों में लोगों के रूटीन के काम मौके पर निपटाए जा रहे हैं, जबकि इन तमाम कामों के लिए कार्यालय बने हैं। सरकार को जनमंच कार्यक्रमों की बजाय अपने प्रशासनिक तंत्र को मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जनमंच में सरकार के मंत्री लोगों से माफी मांगते नजर आ रहे हैं।
चौहान ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस जमीनी स्तर पर तैयारियां कर रही है। जिलों व चारों संसदीय क्षेत्रों के अधिवेशनों की कामयाबी के बाद अब बूथ स्तर पर पार्टी 3 चरणों में पथयात्रा शुरू करेगी। पहले चरण की पथयात्रा की शुरूआत 16 जनवरी से होगी, जो कि 24 जनवरी तक चलेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपने पुराने चुनावी वायदों को पूरा करने की बजाय नए चुनावी जुमले छोडऩे में जुट गई है। उन्होंने कहा कि बीते लोस चुनाव के दौरान पी.एम. मोदी ने काला धन वापस लाने, 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने,अच्छे दिन आने और भ्रष्टाचार का खात्मा सहित अन्य वायदे किए थे, लेकिन एक भी चुनावी वायदा पूरा नहीं हो पाया है।
सी.एम. के आदेश नहीं मान रहे अधिकारी
नरेश चौहान ने राज्य सरकार के एक साल के कार्यकाल को पूरी तरह विफल करार दिया है। उन्होंने कहा कि सी.एम. पूरा साल केवल घोषणाएं कर सुर्खियां बटोरते रहे जबकि धरातल पर कुछ नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की प्रशासनिक पकड़ नहीं है और सी.एम. के आदेशों को अधिकारी नहीं मान रहे। उन्होंने कहा कि शिमला में 2 दिन पहले हुए हल्के हिमपात से निपटने में भी सरकार व प्रशासन पूरी तरह नाकाम रही है। बर्फबारी के बाद आधे शिमला की बिजली दिनभर गुल रही और लोगों को देर रात को धरना देना पड़ा।
आरक्षण मोदी सरकार का केवल एक चुनावी स्टंट
मोदी सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण जाति के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के कदम की आलोचना करते हुए चौहान ने इसे राजनीति से प्रेरित व चुनावी हथकंडा करार दिया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सियासी फायदा लेने के लिए आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के लिए मोदी सरकार ने 10 प्रतिशत आरक्षण का चुनावी जुमला छोड़ा है तथा देश की जनता को भ्रमित करने का प्रयास हो रहा है। उन्होंने कहा कि सी.बी.आई. निदेशक मामले में सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है, उससे केंद्र को करारा जवाब मिला है।