Edited By Ekta, Updated: 21 Jul, 2019 10:30 AM
हिमाचल में सड़क एवं अन्य सिविल वर्क के लिए घटिया बजरी देने वाले स्टोन क्रशरों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हाल में संपन्न बैठक के बाद पी.डब्ल्यू.डी. ने इसे लेकर उद्योग विभाग को पत्र लिख दिया है। पत्र में कहा...
शिमला (हेटा): हिमाचल में सड़क एवं अन्य सिविल वर्क के लिए घटिया बजरी देने वाले स्टोन क्रशरों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हाल में संपन्न बैठक के बाद पी.डब्ल्यू.डी. ने इसे लेकर उद्योग विभाग को पत्र लिख दिया है। पत्र में कहा गया है कि स्टोन क्रशर की लाइसैंसिंग अथॉरिटी उद्योग विभाग है। इसे देखते हुए पी.डब्ल्यू.डी. ने तय मानकों के हिसाब से बजरी न देने वाले क्रशरों पर उद्योग विभाग से कार्रवाई करने को कहा है। घटिया किस्म की बजरी के कारण सड़कों की टारिंग जल्द उखड़ रही है। सिविल वक्र्स में भी गुणवत्ता गिर रही है।
उद्योग विभाग को लिखे पत्र में हवाला दिया गया है कि हिमाचल प्रदेश भूकंप की दृष्टि से सिसमिक जोन-4 व जोन-5 यानी संवेदनशील और अति संवेदनशील है। जाहिर है कि यहां भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा भारी तबाही मचा सकती है। इसे देखते हुए पी.डब्ल्यू.डी. के क्वालिटी कंट्रोल विंग ने सड़क एवं सार्वजनिक क्षेत्र के बनने वाले भवनों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए यह पहल की है। मुख्यमंत्री की हिदायत के बाद पी.डब्ल्यू.डी. महकमा उन्हीं स्टोन क्रशरों से बजरी खरीदेगा, जिनकी बजरी मानकों पर खरा उतरेगी। मानकों के हिसाब से बजरी तैयार करने वाले क्रशरों को पी.डब्ल्यू.डी. विभाग इम्पैनल करेगा।
उद्योगों को यह लगाना होगा अनिवार्य
उद्योग विभाग को यह सुनिश्चित बनाने को कहा गया है कि इंडियन रोड कांग्रेस, ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मंत्रालय तथा ग्रामीण विकास मंत्रालय ने निर्माण कार्यों के लिए बजरी के जो मापदंड तय कर रखे हैं, उसके अनुसार बजरी का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक स्टोन क्रशरपर 63 एम.एम., 40 एम.एम., 20 एम.एम., 13.2 एम.एम., 4.75 एम.एम., 2.36 एम.एम. तथा 75 माइक्रोन की जालियां लगाने को बोला गया है, ताकि इनके जरिए बजरी से रेत व मिट्टी को अलग किया जा सके। बजरी में रेत व मिट्टी होने से सड़कों की टारिंग जल्दी उखड़ जाती है।