Edited By kirti, Updated: 10 Jun, 2018 12:13 AM
शिमला में जल संकट के दौरान पानी का टैंकर चलाने वाली पंजाब के संगरूर की जसबीर कौर की हिम्मत हर कोई कायल हो गया है। हर तरफ उनके जज्बे की सरहना हो रही है। वही प्रदेश के राज्यपाल भी उनकी हिम्मत के मुरीद हो गए है। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने जसबीर और...
शिमला(राजीव): शिमला में जल संकट के दौरान पानी का टैंकर चलाने वाली पंजाब के संगरूर की जसबीर कौर की हिम्मत हर कोई कायल हो गया है। हर तरफ उनके जज्बे की सरहना हो रही है। वही प्रदेश के राज्यपाल भी उनकी हिम्मत के मुरीद हो गए है। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने जसबीर और उसके पति को सम्मनित किया है। शनिवार को जसबीर को शिनवार को राजभवन में राज्यपाल ने जसबीर कौर को प्रशस्ति पत्र सौंपा। राज्यपाल ने जसबीर की हौसला अफजाई भी की और कहा कि जसबीर महिला जगत के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन चुकी हैं।
जसबीर अपने पति के साथ दस टायर का ट्रक 18 घंटे चलती थी
उन्होंने कहा की आज बेटियां भी किसी क्षेत्र में पीछे नही है। शिमला में जब पानी का संकट पैदा हुआ तो समाज सेवी संस्थाओ से आगे आने का आह्वान किया और काफी संस्थाए आगे आई और शिमला के लिए पानी पहुचाने के लिए 25 पानी के टेंकर पहुंचे। जिसमे एक टेंकर ऐसा था जिसके चालक पति पत्नी थे और जसबीर अपने पति के साथ दस टायर का ट्रक 18 घंटे चलती थी और इस जज्बे को देखते हुए उन्हें राजभवन बुला कर सम्मनित किया है। राज्यपाल से सम्मान पाकर जसबीर कौर और उनके पति लक्खा सिंह काफी खुश है और अब दोनों ड्राइविंग के लिए साउदी अरब जाने की सोच रहे है।
जसबीर कौर ने पने पति से ही ड्राविंग सीखी
जसबीर कौर ने राज्यपाल का आभार जताया और कहा कि शिमला में पानी के संकट के दौरान सतलुज से हर रोज 16 घंटे ड्राविंग कर गुम्मा के लिए पानी की सप्लाई करते थे और यहा पर ड्राविंग करने का अलग से अनुभव हुआ है और महिलाएं जो इस प्रोफेशन में आना चाहती है उन्हें आगे आना चाहिए। इसमें कोई शर्म नही है। कौर ने कहा कि उन्होंने अपने पति से ही ड्राविंग सीखी है और वे दोनों साथ में ड्राइविंग करते है। वह बताती है की अब दोनों साउदी अरब जाएगे। बताया जा रहा है कि उसका एक बेटा है और अपने बच्चे को होस्टल में डाल देंगे। उधर जसबीर की मदद के लिए हरियाणा महापंचायत आगे आई है। राज्यपाल ने आह्वान पर महापंचायत इस बच्चे का सारा खर्च उठाएगी। हरियाणा महापंचायत संयोजक संपूर्ण सिंह ने कहा कि जसबीर कौर और लक्खा सिंह ने पानी पहुंचाने के लिए काफी मेहनत की।