शाह खर्ची में मशरूफ सरकार के राज में आर्थिक तंगी से बिलबिला रही जनता : राजेंद्र राणा

Edited By prashant sharma, Updated: 01 Jan, 2021 04:13 PM

public suffering due to financial crisis government in shah spend rana

सरकार के कुशासन व कुप्रबंधन के कारण राजकोषीय घाटा 135 फीसदी जा पहुंचा है। स्टैटिकल डायरेक्टरेट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर माह में राजकीय कोषीय घाटा 10.75 लाख करोड़ रहा जबकि वित्त वर्ष 20-21 के लिए 7.96 करोड़ राजकोषीय घाटे का लक्ष्य निर्धारित...

हमीरपुर : सरकार के कुशासन व कुप्रबंधन के कारण राजकोषीय घाटा 135 फीसदी जा पहुंचा है। स्टैटिकल डायरेक्टरेट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर माह में राजकीय कोषीय घाटा 10.75 लाख करोड़ रहा जबकि वित्त वर्ष 20-21 के लिए 7.96 करोड़ राजकोषीय घाटे का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने कही है। उन्होंने कहा कि धड़ाम हुई अर्थव्यवस्था के बीच आम आदमी का जन जीवन और दुश्वार हुआ है।

महामारी, बेरोजगारी व आर्थिक तंगी से बिलबला रही जनता सरकार के कुप्रबंधन के लिए उसे हर चौराहे पर कोस रही है। जहां बीते नवंबर में देश का राजकोषीय घाटा 10.75 लाख करोड़ रहा है वहीं शाह खर्ची के लिए शाहों की बीजेपी सरकार ने इसी अवधि में 10.6 लाख करोड़ सरकार का खर्चा बताया है। वहीं सितंबर 2020 माह की तिमाही में सरकार का वकाया बढ़कर 107.4 लाख करोड़ हो गया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के अंत तक कुल वकाया 101.3 लाख करोड़ था जिससे समझा जा सकता है कि सरकार पर लगातार देनदारियों का दबाव बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि बेशक कोरोना का रोना रो रही सरकार प्रदेश की अर्थव्यवस्था की खराबी के लिए कोविड-19 का बहाना लगा रही है लेकिन हकीकत यह है कि समाज चिंता छोड़ शाह खर्ची व सत्ता पर काबिज रहने के लिए सत्ता का दुरूपयोग करते हुए सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था का अब तक का सबसे बड़ा नुकसान किया है क्योंकि सरकार को समाज से ज्यादा सत्ता की चिंता है जिसके चलते सत्ता स्वार्थ में समाज को दरकनार सरकार लगातार गलत फैसले लेती आ रही है। एक तरफ सरकार स्वयं कह रही है कि देश में 80 करोड़ के करीब लोग गरीब हैं और दूसरी ओर सरकार जनता को दी जाने वाली सुविधाओं को लगातार निगलने व कम करने में लगी है। करोड़ों लोगों की रसोई गैस की कीमत 100 रुपए बढ़ाकर सरकार ने 9 हजार करोड़ रुपए कुछ किसानों के खातों में डालकर किसान हितैषी होने की बात कर रही है जबकि किसान अपनी बात रखने के लिए सड़कों पर ठंड से ठिठुर रहे हैं।  राणा ने कहा कि सरकार में चले लगातार भ्रष्टाचार के बीच बीजेपी के राज में जनता का राजनीति पर भरोसा निरंतर कम हुआ है जोकि लोकतंत्र के लिए घातक साबित हो सकता है।
 

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